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कल्याण थाट के राग : SWARGOSHTHI – 214 : KALYAN THAAT

स्वरगोष्ठी – 214 में आज दस थाट, दस राग और दस गीत – 1 : कल्याण थाट राग यमन की बन्दिश- ‘ऐसो सुघर सुघरवा बालम...’  ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर आज से आरम्भ एक नई लघु श्रृंखला ‘दस थाट, दस राग और दस गीत’ के प्रथम अंक में मैं कृष्णमोहन मिश्र, आप सब संगीत-प्रेमियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। आज से हम एक नई लघु श्रृंखला आरम्भ कर रहे हैं। भारतीय संगीत के अन्तर्गत आने वाले रागों का वर्गीकरण करने के लिए मेल अथवा थाट व्यवस्था है। भारतीय संगीत में 7 शुद्ध, 4 कोमल और 1 तीव्र, अर्थात कुल 12 स्वरों का प्रयोग होता है। एक राग की रचना के लिए उपरोक्त 12 स्वरों में से कम से कम 5 स्वरों का होना आवश्यक है। संगीत में थाट रागों के वर्गीकरण की पद्धति है। सप्तक के 12 स्वरों में से क्रमानुसार 7 मुख्य स्वरों के समुदाय को थाट कहते हैं। थाट को मेल भी कहा जाता है। दक्षिण भारतीय संगीत पद्धति में 72 मेल प्रचलित हैं, जबकि उत्तर भारतीय संगीत पद्धति में 10 थाट का प्रयोग किया जाता है। इसका प्रचलन पण्डित विष्णु नारायण भातखण्डे जी ने प्रारम्भ किया

तुम्हे बांधने के लिए मेरे पास और क्या है मेरा प्रेम है....पंडित नरेद्र शर्मा की साहित्यिक उपलब्धियों से कुछ कम नहीं उनका फ़िल्मी योगदान भी

ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 521/2010/221 न मस्कार! 'ओल्ड इज़ गोल्ड' के इस नये सप्ताह में आप सभी का बहुत बहुत स्वागत है। हिंदी साहित्य की अगर हम बात करें तो हमारे देश ने एक से एक महान साहित्यकारों को जन्म दिया है। ये वो साहित्यकार हैं जिनकी कलम ने समूचे जगत को बेशकीमती साहित्य प्रदान किया हैं। इन साहित्यकारों में से कई साहित्यकार ऐसे हैं जिन्होंने ना केवल अपने कलम से हिंदी साहित्य को समृद्ध किया है, बल्कि अपने कलम के जादू से हिंदी फ़िल्म संगीत जगत को कुछ ऐसे नायाब गीत भी दिए हैं कि जिन्हें पा कर यह फ़िल्मी जगत धन्य हो गया है। ऐसे स्तरीय प्रतिभावान साहित्यकारों के लिखे गीतों ने फ़िल्म संगीत को कम ही सही, लेकिन एक बहुत ऊँचे स्तर तक पहुँचाया है। आज से हम 'ओल्ड इज़ गोल्ड' पर शुरु कर रहे हैं कुछ ऐसे ही हिंदी भाषा के साहित्यकारों के फ़िल्मों के लिए लिखे हुए गीतों से सजी हमारी नई लघु शृंखला 'दिल की कलम से'। इस शृंखला में हम ना केवल इन साहित्यकारों के लिखे गीत आपको सुनवाएँगे, बल्कि इन महान प्रतिभाओं के जीवन से जुड़ी कुछ बातें भी बताएँगे जिन्हें फ़िल्मी गीतकार के रूप में पाना