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२८ फरवरी - आज का गाना

गाना:  रे मन सुर में गा चित्रपट: लाल पत्थर संगीतकार: शंकर - जयकिशन गीतकार: नीरज गायक, गायिका: आशा भोसले, मन्ना डे रे मन सुर में गा कोई तार बेसुर न बोले, न बोले रे मन सुर में गा ... जीवन है सुख दुःख का संगम मध्यम के संग जैसे पंचम दोनों को एक बना रे मन सुर में गा ... दिल जो धड़के ताल बजे रे ताल ताल में समय चले रे समय के संग हो जा रे मन सुर में गा ... जग है गीतों की रजधानी सुर है राजा लय है रन्नी साज़ रूप बन जा रे मन सुर में गा ...

रे मन सुर में गा...फ़िल्मी गीतों में भी दिए हैं मन्ना डे और आशा ने उत्कृष्ट राग गायन की मिसाल

ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 193 फ़ि ल्म संगीत के सुनहरे दौर के पार्श्वगायकों में एक महत्वपूर्ण नाम मन्ना डे साहब का रहा है। भले ही उन्हे नायकों के पार्श्व गायन के लिए बहुत ज़्यादा मौके नहीं मिले, लेकिन उनकी गायकी का लोहा हर संगीतकार मानता था। शास्त्रीय संगीत में उनकी मज़बूत पकड़ का ही नतीजा था कि जब भी किसी फ़िल्म में शास्त्रीय संगीत पर आधारित, या फिर दूसरे शब्दों में, मुश्किल गीतों की बारी आती थी तो फ़िल्मकारों और संगीतकारों को सब से पहले मन्ना दा की ही याद आ जाती थी। आज '१० गायक और एक आपकी आशा' की तीसरी कड़ी में आशा भोंसले का साथ निभाने के लिए हमने आमंत्रण दिया है इसी सुर गंधर्व मन्ना डे साहब को! युं तो मन्ना दा ने लता मंगेशकर के साथ ही अपने ज़्यादातर लोकप्रिय युगल गीत गाए हैं, लेकिन आशा जी के साथ भी उनके गाए बहुत सी सुमधुर रचनाएँ हैं। आज 'ओल्ड इस गोल्ड' में छा रहा है शास्त्रीय संगीत का रंग मन्ना दा और आशा जी की आवाज़ों में। फ़िल्म 'लाल पत्थर' का यह गीत है "रे मन सुर में गा"। क्या गाया है इन दोनों ने इस गीत को! कोई किसी से कम नहीं। इस जैसे गीत को सुन कर