Skip to main content

Posts

Showing posts with the label raga based film songs

‘आज गावत मन मेरो झूम के...’ : SWARGOSHTHI – 193 : RAG DESI

स्वरगोष्ठी – 193 में आज शास्त्रीय संगीतज्ञों के फिल्मी गीत – 2 : राग देसी पण्डित पलुस्कर और उस्ताद अमीर खाँ ने राग देसी के स्वरों में गाया फिल्म बैजू बावरा का युगल गीत ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी है, हमारी नई लघु श्रृंखला, जिसका शीर्षक है- ‘शास्त्रीय संगीतज्ञों के फिल्मी गीत’। फिल्म संगीत के क्षेत्र में चौथे से लेकर आठवें दशक के बीच शास्त्रीय संगीत के कई विद्वानों और विदुषियों ने अपना योगदान किया है। इस श्रृंखला में हमने कुछ ऐसे ही फिल्मी गीतों का चुनाव किया है, जिन्हें रागदारी संगीत के विशेषज्ञों ने रचा है। इन रचनाओं में राग के स्पष्ट स्वरूप की उपस्थिति मिलती है। श्रृंखला के दूसरे अंक में आज हम आपसे 1953 की फिल्म ‘बैजू बावरा’ के एक गीत- ‘आज गावत मन मेरो...’ पर चर्चा करेंगे। इस श्रेष्ठतम संगीत रचना का सृजन अपने समय की दो दिग्गज सांगीतिक विभूतियों, पण्डित डी.वी. (दत्तात्रेय विष्णु) पलुस्कर और उस्ताद अमीर खाँ द्वारा किया गया था। यह गीत राग देसी अथवा देसी तोड़ी के फिल्मी प्रयोग का अच्छा उदाहरण है। इसके सा

वीणा मधुर मधुर कछु बोल...’ : SWARGOSHTHI – 192 : RAG BHIMPALASI

स्वरगोष्ठी – 192 में आज शास्त्रीय संगीतज्ञों के फिल्मी गीत – 1 : राग भीमपलासी संगीतज्ञ पण्डित शंकरराव व्यास और गायिका सरस्वती राणे की जोड़ी ने राग भीमपलासी के स्वरों में रचा एक मधुर गीत ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर आज से हम एक नई लघु श्रृंखला आरम्भ कर रहे है। इस श्रृंखला का शीर्षक है- ‘शास्त्रीय संगीतज्ञों के फिल्मी गीत’। फिल्म संगीत के क्षेत्र में चौथे से लेकर आठवें दशक के बीच शास्त्रीय संगीत के कई विद्वानों और विदुषियों ने अपना योगदान किया है। इस श्रृंखला में हमने कुछ ऐसे ही फिल्मी गीतों का चुनाव किया है, जिन्हें रागदारी संगीत के विशेषज्ञों ने रचा है। इन रचनाओं में राग के स्पष्ट स्वरूप की उपस्थिति मिलती है। श्रृंखला के पहले अंक में आज हम आपसे 1943 की फिल्म ‘रामराज्य’ के एक गीत- ‘वीणा मधुर मधुर कछु बोल...’ की चर्चा करेंगे। इस गीत का सृजन अपने समय की दो दिग्गज सांगीतिक विभूतियों, संगीतकार पण्डित शंकरराव व्यास और किराना घराने की चर्चित गायिका सरस्वती राणे द्वारा हुआ था। राग