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आदित्य प्रकाश की भाषा साधना, कवितांजलि तीसरे वर्ष में

हिन्दी भाषा तथा साहित्य की जितनी सेवा हिन्दी को उच्च-शिक्षा के दरम्यान विषय न रखने वाले हिन्दी-प्रेमियों ने की है, उतनी शायद हिन्दी साहित्य में शोध तक करने वाले हिन्दीविदों ने भी नहीं की। कई हिन्दी प्रेमियों के लिए उनकी भाषा ही खाना-पीना व ओढ़ना-बिछाना है। ऐसे ही एक हिन्दी प्रेमी हैं आदित्य प्रकाश । आदित्य प्रकाश से इंटरनेट पर विचरने वाले ज्यादातर हिन्दी प्रेमी परिचित हैं। डैलास, अमेरिका से और इंटरनेट से चौबीसों घंटे चलने वाले एफ एम चैनल 'रेडियो सलाम नमस्ते' पर हर रविवार स्थानीय समय अनुसार रात्रि 9 बजे उनकी आवाज़ सुनाई देती है। आदित्य प्रकाश अंतराष्ट्रीय हिन्दी समिति की ओर से संकल्पित हिन्दी कविता के विशेष कार्यक्रम 'कवितांजलि' को प्रस्तुत करते हैं। यह कार्यक्रम अपने तीसरे वर्ष में प्रवेश कर चुका है। 'कवितांजलि' की सराहना कई कारणों से ज़रूरी है। भारत में, जहाँ कि हिन्दी बहुत बड़े भूभाग पर बोली जाती है, वहाँ के रेडियो चैनलों या अन्य मीडिया माध्यमों में कवितांजलि जैसे कार्यक्रम नहीं होते। यदि होते भी हैं तो बहुत ही स्थानीय स्तर पर। राष्ट्रीय रेडियो चैनलों में 1-2

कुछ बातें गौरव सोलंकी से

आवाज़ पर हमारे इस हफ्ते के सितारे गौरव सोलंकी का सपना है - "ऑस्कर" 7 जुलाई, 1986 को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के 'जिवाना गुलियान' गाँव में जन्मे गौरव के मन में इंजीनियर बनने की लगन के साथ-साथ एक नन्हे से कवि की कोमल कल्पनायें भी बचपन से पलती रहीं। एक दिन हाथों ने लेखनी को थाम ही लिया और लेखन शुरू हो गया। 15 वर्ष की आयु में काव्य-लेखन आरंभ किया। आई.आई.टी. रुड़की में प्रवेश के बाद शौक अधिक गति से बढ़ने लगा और कवि के शब्दों में अब वे अधिक 'परिपक्व' कविताएँ लिखने लगे हैं। साहित्य पढ़ते समय रुचि अब भी गद्य में ही रही और एक कहानीकार भी भीतर करवट लेने लगा। कहानियाँ लिखनी शुरू की और फिर उपन्यास भी। युग्म के ताज़ा गीत " खुशमिज़ाज मिटटी " के गीतकार गौरव से हमने की एक संक्षिप्त सी बातचीत - हिंद युग्म- गौरव सोलंकी, पहले एक इंजीनियर या एक कवि? गौरव- पहले कवि और बाद में भी :) हिंद युग्म - माँ का स्वेटर, पिता के साथ चाँद तक जाने की तमन्ना, प्रियसी के लिए एक तरफा प्यार, किस कविता ने सबसे ज्यादा संतोष दिया? गौरव- सभी ने अपने अपने वक़्त पर लगभग उतना ही संतोष दिया। शाय