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ऑडियो: नाम का चमत्कार (अनुराग शर्मा)

रेडियो प्लेबैक इंडिया के साप्ताहिक स्तम्भ 'बोलती कहानियाँ' के अंतर्गत हम आपको सुनवाते हैं हिन्दी की नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में देवी नागरानी की कथा ' अतीत ' का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं अनुराग शर्मा की लघुकथा 'नाम का चमत्कार' , अनुराग शर्मा के ही स्वर में। लघुकथा "नाम का चमत्कार" का कुल प्रसारण समय 9 मिनट 3 सेकंड है। इसका गद्य बर्ग वार्ता ब्लॉग पर उपलब्ध है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। आपके चरित्र पर आपका अधिकार है, छवि पर नहीं ... - अनुराग शर्मा हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी कहानी आत्मा तो घायल नहीं हो सकती। न जल सकती है न आद्र होती है। बारिश की बूंद को छूती तो है पर फिर भ

सुनो कहानी: अनुराग शर्मा लिखित गञ्जा

'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने प्रसिद्ध लेखिका सुधा अरोड़ा की कहानी " एक कवि पत्नी का संलाप: सत्ता संवाद " का पॉडकास्ट उन्हीं की आवाज़ में सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं अनुराग शर्मा की एक लघुकथा " गंजा ", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी "गञ्जा" का कुल प्रसारण समय 1 मिनट 53 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। इस कथा का टेक्स्ट गर्भनाल, अंक 48, पृष्ठ 61 पर उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। पतझड़ में पत्ते गिरैं, मन आकुल हो जाय। गिरा हुआ पत्ता कभी, फ़िर वापस ना आय।। ~ अनुराग शर्मा हर शनिवार को आवाज़ पर सुनें एक नयी कहानी सर तो आदमी तभी घुटाता है जब जूँ पड़ जाएँ या तब जब बाप मर जाये। ( अनुराग शर्मा की लघुकथा "गंजा" से एक अंश )

सुनो कहानी: मंटो की एक लघुकथा

मंटो की एक लघुकथा 'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने शन्नो अग्रवाल की आवाज़ में प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी 'बड़े घर की बेटी' का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं मंटो की एक लघुकथा , जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। कहानी का कुल प्रसारण समय है: 2 मिनट। संचिका पर इस कहानी का टेक्स्ट उपलब्ध कराने के लिए हम लवली कुमारी जी के आभारी हैं यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। पागलख़ाने में एक पागल ऐसा भी था जो ख़ुद को ख़ुदा कहता था. ~ सआदत हसन मंटो (१९१२-१९५५) हर शनिवार को आवाज़ पर सुनिए एक नयी कहानी लोग लुटा हुआ माल डर के मारे अँधेरे में बाहर फेंकने लगे. कुछ ऐसे भी थे जिन्होंने मौका पाकर अपना माल भी अपने से अलग कर दिया ताकि कानूनी गिरफ्त से बचे रहें. ( मंटो की लघुकथा से एक अंश ) नीचे के प्ले