Skip to main content

Posts

Showing posts with the label jeena yahan marna yahan

१० मार्च- आज का गाना

गाना: जीना यहाँ मरना यहाँ चित्रपट: मेरा नाम जोकर संगीतकार: शंकर - जयकिशन गीतकार: शैलन्द्र स्वर: मुकेश जीना यहाँ मरना यहाँ इसके सिवा जाना कहाँ जी चाहे जब हमको आवाज़ दो हम हैं वहीं हम थे जहाँ जीना यहाँ मरना यहाँ ... कल खेल में हम हों न हों गर्दिश में तारे रहेंगे सदा भूलोगे तुम, भूलेंगे वो पर हम तुम्हारे रहेंगे सदा होंगे यहीं अपने निशाँ इसके सिवा जाना कहाँ जीना यहाँ मरना यहाँ ... ये मेरा गीत जीवन संगीत कल भी कोई दोहरायेगा जग को हँसाने बहरूपिया रूप बदल फिर आयेगा स्वर्ग यहीं नर्क यहाँ इसके सिवा जाना कहाँ जीना यहाँ मरना यहाँ ...

जीना यहाँ मरना यहाँ, इसके सिवा जाना कहाँ....वो आवाज़ जिसने दी हर दिल को धड़कने की वजह- मुकेश

ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 184 "क ल खेल में हम हों न हों गर्दिश में तारे रहेंगे सदा, भूलोगे तुम भूलेंगे वो, पर हम तुम्हारे रहेंगे सदा"। वाक़ई मुकेश जी के गानें हमारे साथ सदा रहे हैं, और आनेवाले समय में भी ये हमारे साथ साथ चलेंगे, हमारे सुख और दुख के साथी बनकर, क्योंकि इसी गीत के मुखड़े में उन्होने ही कहा है कि "जीना यहाँ मरना यहाँ इसके सिवा जाना कहाँ, जी चाहे जब हमको आवाज़ दो, हम हैं वहीं हम थे जहाँ"। मुकेश जी को गये ३५ साल हो गए हैं ज़रूर लेकिन उनके गानें जिस तरह से हर रोज़ कहीं न कहीं से सुनाई दे जाते हैं, इससे एक बात साफ़ है कि मुकेश जी कहीं नहीं गए हैं, वो तो हमारे साथ हैं हमेशा हमेशा से। दोस्तों, आज है २७ अगस्त, यानी कि मुकेश जी का स्मृति दिवस। इस अवसर पर हम 'हिंद युग्म' की तरफ़ से उन्हे दे रहे हैं भावभीनी श्रद्धांजली। '१० गीत जो मुकेश को थे प्रिय' लघु शृंखला के अंतर्गत इन दिनों आप मुकेश जी के पसंदीदा १० गीत सुन रहे हैं। आज जैसा कि आप को पता चल ही गया है कि हम सुनवा रहे हैं फ़िल्म 'मेरा नाम जोकर' से "जीना यहाँ मरना यहाँ"। दोस्तों