Skip to main content

Posts

Showing posts with the label ghalib khan

...और जो बिक ही नहीं पाई वो वैसे भी किसी काम की नहीं थी - असद भोपाली

सुविख्यात शायर और फिल्म-गीतकार श्री असद भोपाली के सुपुत्र श्री ग़ालिब खाँ साहब से उनके पिता के व्यक्तित्व और कृतित्व पर बातचीत अब तक आपने पढ़ा... अब आगे ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ के ‘शनिवार विशेषांक’ में आपका एक बार पुनः स्वागत है। दोस्तों, पिछले सप्ताह हमने फिल्म-जगत के सुप्रसिद्ध गीतकार असद भोपाली के सुपुत्र ग़ालिब खाँ से उनके पिता के व्यक्तित्व और कृतित्व पर बातचीत का पहला भाग प्रस्तुत किया था। इस भाग में आपने पढ़ा था कि असद भोपाली को भाषा और साहित्य की शिक्षा अपने पिता मुंशी अहमद खाँ से प्राप्त हुई थी। आपने यह भी जाना कि अपनी शायरी के उग्र तेवर के कारण असद भोपाली, तत्कालीन ब्रिटिश सरकार द्वारा गिरफ्तार कर जेल में डाल दिये गये थे। आज़ादी के बाद अपनी शायरी के बल पर ही उन्होने फिल्म-जगत में प्रवेश किया था। आज हम उसके आगे की बातचीत को आपके लिए प्रस्तुत कर रहे हैं। कृष्णमोहन- ग़ालिब साहब, ‘शनिवार विशेषांक’ के दूसरे भाग में एक बार फिर आपका हार्दिक स्वागत है। ग़ालिब खाँ- धन्यवाद, और सभी पाठकों को मेरा नमस्कार। अपने पिता असद भोपाली के बारे में ज़िक्र करते हुए पिछले भाग में मैंने बताया था कि १९४