Skip to main content

Posts

Showing posts with the label film sholey

"महबूबा महबूबा...", जानिए कि कैसे सच साबित हुई पंचम के मामा के दिल की पुकार!

एक गीत सौ कहानियाँ - 50   ‘महबूबा महबूबा, गुलशन में गुल खिलते हैं !’ 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार। दोस्तों, हम रोज़ाना रेडियो पर, टीवी पर, कम्प्यूटर पर, और न जाने कहाँ-कहाँ, जाने कितने ही गीत सुनते हैं, और गुनगुनाते हैं। ये फ़िल्मी नग़में हमारे साथी हैं सुख-दुख के, त्योहारों के, शादी और अन्य अवसरों के, जो हमारे जीवन से कुछ ऐसे जुड़े हैं कि इनके बिना हमारी ज़िन्दगी बड़ी ही सूनी और बेरंग होती। पर ऐसे कितने गीत होंगे जिनके बनने की कहानियों से, उनसे जुड़े दिलचस्प क़िस्सों से आप अवगत होंगे? बहुत कम, है न? कुछ जाने-पहचाने, और कुछ कमसुने फ़िल्मी गीतों की रचना प्रक्रिया, उनसे जुड़ी दिलचस्प बातें, और कभी-कभी तो आश्चर्य में डाल देने वाले तथ्यों की जानकारियों को समेटता है 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' का यह लोकप्रिय स्तम्भ 'एक गीत सौ कहानियाँ'। इसकी 50वीं कड़ी में आज जानिये हिन्दी सिनेमा की माइलस्टोन फ़िल्म 'शोले' के राहुल देव बर्मन के गाये मशहूर गीत "महबूबा महबूबा, गुल्श