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अब्बास टायरवाला और रहमान आये साथ एक बार फिर और कहा जवां दिलों से - "कॉल मी दिल..."

ताज़ा सुर ताल ३७/२०१० सुजॊय - दोस्तों, नमस्कार, और एक बार फिर स्वागत है 'ताज़ा सुर ताल' में। जैसा कि पिछले हफ़्ते विश्व दीपक जी ने थोड़ा सा हिण्ट दिया आज के फ़िल्म के बारे में, कि उनके मनपसंद संगीतकार का संगीत होगा आज की फ़िल्म में, तो चलिए अब वह वक़्त आ गया है कि आपको आज की फ़िल्म का नाम बता दिया जाए। आज हम लेकर आये हैं आने वाली फ़िल्म 'झूठा ही सही' के गानें। विश्व दीपक - ए. आर. रहमान मेरे मनचाहे संगीतकार हैं, और सिर्फ़ मेरे ही नहीं, आज वो सिर्फ़ इस देश के ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में अपने संगीत के जल्वे बिखेर रहे हैं। वो एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर के संगीतकार बन चुके हैं और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व भी कर रहे हैं। तभी तो राष्ट्रमण्डल खेल के शीर्षक गीत के संगीत के लिए उन्ही को चुना गया है। सुजॊय - 'झूठा ही सही' अब्बास टायरवाला की फ़िल्म है जिसका निर्माण आइ.बी.सी मोशन पिक्चर्स के बैनर तले हो रही है, जिसके मुख्य कलाकार हैं जॊन एब्राहम और पाखी, जो अब्बास साहब की धर्मपत्नी हैं। सोहेल ख़ान, अरबाज़ ख़ान और नसीरुद्दिन शाह ने भी फ़िल्म में अभिनय किया

किलिमांजारो में बूम बूम रोबो डा.. रोबोट की हरकतों के साथ हाज़िर है रहमान, शंकर और रजनीकांत की तिकड़ी

ताज़ा सुर ताल ३३/२०१० सुजॊय - आज है ३१ अगस्त! यानी कि आज 'ताज़ा सुर ताल' इस साल का दो तिहाई सफ़र पूरा कर रहा है। पीछे मुड़ कर देखें तो इस साल बहुत ही कम फ़िल्में ऐसी हैं जिन्होंने बॊक्स ऒफ़िस पर कामयाबी के झंडे गाड़े हैं। विश्व दीपक - हाँ, लेकिन फ़िल्म संगीत की बात करें तो इन फ़िल्मों के अलावा भी कई फ़िल्मों का संगीत सुरीला रहा है। 'वीर', 'इश्क़िया', 'कार्तिक कॊलिंग‍ कार्तिक', 'आइ हेट लव स्टोरीज़', 'मिस्टर सिंह ऐण्ड मिसेस मेहता', 'वन्स अपॉन ए टाइम इन मुंबई' जैसे फ़िल्मों के गानें काफ़ी अच्छे हैं। अब देखते हैं कि २०१० का बेस्ट क्या अभी आना बाक़ी है! सुजॊय - अच्छा विश्व दीपक जी, क्या आप ने कोई ऐसा कम्प्युटर देखा है जिसका स्पीड १ टेरा हर्ट्ज़ हो, और मेमरी १ ज़ीटा बाइट, जिसका प्रोसेसर पेण्टियम अल्ट्रा कोर मिलेनिया वी-२, और एफ़. एच. पी-४५० मोटर हिराटा, जापान का लगा हो? विश्व दीपक - अरे अरे ये सब क्या पूछे जा रहे हैं आप? यह 'टी. एस. टी' है भई! सुजॊय - तभी तो! आज हम जिस फ़िल्म के गानें सुनने जा रहे हैं यह उसी से ताल्लुख़ रखत

कहीं "मादनो" की मिठास से तो कहीं "मैं कौन हूँ" के मर्मभेदी सवालों से भरा है "मिथुन" के "लम्हा" का संगीत

ताज़ा सुर ताल २२/२०१० विश्व दीपक - ’ताज़ा सुर ताल' में हम सभी का स्वागत करते हैं। तो सुजॊय जी, पिछले हफ़्ते कोई फ़िल्म देखी आपने? सुजॊय - हाँ, 'राजनीति' देखी, लेकिन सच पूछिए तो निराशा ही हाथ लगी। कुछ लोगों को यह फ़िल्म पसंद आई, लेकिन मुझे तो फ़िल्म बहुत ही अवास्तविक लगी। सिर्फ़ बड़ी स्टारकास्ट के अलावा कुछ भी ख़ास बात नहीं थी। कहानी भी बेहद साधारण। ख़ैर, पसंद अपनी अपनी, ख़याल अपना अपना। विश्व दीपक - पसंद की अगर बात है तो आज हम 'टी.एस.टी' में जिस फ़िल्म के गानें लेकर हाज़िर हुए हैं, मुझे ऐसा लगता है कि इस फ़िल्म के गानें लोगों को पसंद आने वाले हैं। आज ज़िक्र फ़िल्म 'लम्हा' के गीतों का। सुजॊय - 'लम्हा' बण्टी वालिया व जसप्रीत सिंह वालिया की फ़िल्म है जिसमें मुख्य भूमिकाएँ निभाई हैं संजय दत्त, बिपाशा बासु, कुणाल कपूर, अनुपम खेर ने। निर्देशक हैं राहुल ढोलकिया। संगीत दिया है मिथुन ने, और यह फ़िल्म परदर्शित होने वाली है १६ जुलाई के दिन, यानी कि ठीक एक महीने बाद। जैसा समझ में आ रहा है कि कश्मीर के पार्श्व पर यह फ़िल्म आधारित है। इस फ़िल्म का म्युज़िक लौम्च