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ईमेल के बहाने यादों के ख़ज़ाने - लता विशेषांक

'ओल्ड इज़ गोल्ड' शनिवार विशेष में आप सभी का हार्दिक स्वागत है। इन दिनों इस साप्ताहिक स्तंभ में हम लेकर आ रहे हैं आप ही के ईमेलों पर आधारित 'ईमेल के बहाने यादों के ख़ज़ाने'। जैसा कि आप सब जानते ही हैं कि २८ सितंबर को सुर कोकिला लता मंगेशकर का जन्मदिन है। लता जी को जनमदिन की बधाई और शुभकामना स्वरूप आज के इस अंक के लिए हम लेकर आये हैं एक विशेष प्रस्तुति जिसे हमने तैयार किया है हमारे दो साथियों के ईमेलों के आधार पर। और ये दो साथी हैं हमारी प्यारी गुड्डो दादी, और हमारी एक नई दोस्त अनीता निहालानी, जो ईमेल के माध्यम से कुछ ही दिन पहले हमसे जुड़ी हैं। तो आइए सब से पहले पढ़ें कि गुड्डो दादी का क्या कहना है लता जी के बारे में। सुजॉय बेटा चिरंजीव भवः सुर-साम्राज्ञी, भारत की बगिया की कोकिला, लता जी को जन्मदिवस की शुभ मंगल कामनाएँ। १९४७ में संगीतकार पंडित हुस्नलाल जी के घर मिली थी परिवार के साथ। फिर लता जी को शायद १९९० में शिकागो में मिली थी, दो मिनट ही बात हो सकी। सफ़ेद साड़ी लाल बोर्डर के सादे परिधान में बहुत ही सुंदर लग रही थी। स्वर साधना की देवी से मैंने यही पूछा की आप जूते पहन