स्वरगोष्ठी – 324 में आज
संगीतकार रोशन के गीतों में राग-दर्शन – 10 : राग पीलू
रोशन की जन्मशती वर्ष में गिरिजा देवी, आशा और रफी से पीलू की रचनाएँ सुनिए

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आशा भोसले और मुहम्मद रफी |
राग पीलू : “आज की रात बड़ी शोख बड़ी नटखट है...” : आशा भोसले और मुहम्मद रफी : फिल्म – नई उमर की नई फसल
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गिरिजा देवी |
राग पीलू : “साँवरिया प्यारा रे मोरी गुंइया...” : विदुषी गिरिजा देवी और साथी
संगीत पहेली
‘स्वरगोष्ठी’
के 324वें अंक की पहेली में आज हम आपको संगीतकार रोशन द्वारा स्वरबद्ध
वर्ष 1966 में प्रदर्शित एक फिल्म के एक राग आधारित गीत का अंश सुनवा रहे
है। इसे सुन कर आपको तीन में से कम से कम दो प्रश्नों के उत्तर देने हैं।
330वें अंक की पहेली के सम्पन्न होने तक जिस प्रतिभागी के सर्वाधिक अंक
होंगे, उन्हें इस वर्ष के तीसरे सत्र का विजेता घोषित किया जाएगा।
1 – गीत में किस राग की छाया है? हमें राग का नाम लिख भेजिए।
2 – रचना में किस ताल का प्रयोग किया गया है? ताल का नाम लिखिए।
3 – यह गीत युगल स्वर में हैं। इस अंश में मुख्य स्वर किस पार्श्वगायक का है?
आप उपरोक्त तीन मे से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर केवल swargoshthi@gmail.com या radioplaybackindia@live.com पर ही शनिवार 8 जुलाई, 2017 की मध्यरात्रि से पूर्व तक भेजें। COMMENTS
में दिये गए उत्तर मान्य हो सकते हैं, किन्तु उसका प्रकाशन पहेली का उत्तर
देने की अन्तिम तिथि के बाद किया जाएगा। विजेता का नाम हम उनके शहर,
प्रदेश और देश के नाम के साथ ‘स्वरगोष्ठी’ के 326वें अंक में
प्रकाशित करेंगे। इस अंक में प्रस्तुत गीत-संगीत, राग, अथवा कलासाधक के
बारे में यदि आप कोई जानकारी या अपने किसी अनुभव को हम सबके बीच बाँटना
चाहते हैं तो हम आपका इस संगोष्ठी में स्वागत करते हैं। आप पृष्ठ के नीचे
दिये गए COMMENTS के माध्यम से तथा swargoshthi@gmail.com अथवा radioplaybackindia@live.com पर भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर सकते हैं।
पिछली पहेली के विजेता
‘स्वरगोष्ठी’
की 322वीं कड़ी की पहेली में हमने आपको 1964 में प्रदर्शित फिल्म
‘आम्रपाली’ से एक राग आधारित गीत का एक अंश प्रस्तुत कर आपसे तीन में से दो
प्रश्नों का उत्तर पूछा था। पहले प्रश्न का सही उत्तर है, राग – कामोद, दूसरे प्रश्न का सही उत्तर है, ताल – सितारखानी और तीसरे प्रश्न का सही उत्तर है, स्वर – लता मंगेशकर।
इस अंक की पहेली में हमारे नियमित प्रतिभागी, चेरीहिल न्यूजर्सी से प्रफुल्ल पटेल, वोरहीज, न्यूजर्सी से डॉ. किरीट छाया, पेंसिलवेनिया, अमेरिका से विजया राजकोटिया और जबलपुर, मध्यप्रदेश से क्षिति तिवारी
ने प्रश्नों के सही उत्तर दिए हैं और इस सप्ताह के विजेता बने हैं। इस
सप्ताह हमारी पहेली में एक नये संगीत-प्रेमी, छिन्दवाड़ा, मध्य प्रदेश से नन्दलाल सिंह रघुवंशी
ने भाग लिया है और एक अंक अर्जित कर लिया है। ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’
परिवार श्री रघुवंशी का हार्दिक स्वागत करता है और आशा है कि वह नियमित रूप
से ‘स्वरगोष्ठी’ देखते रहेंगे और पहेली में भाग लेते रहेंगे। उपरोक्त सभी
पाँच प्रतिभागियों को ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ की ओर से हार्दिक बधाई।
अपनी बात
मित्रों,
‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ पर रोशन की
जन्मशती पर जारी हमारी श्रृंखला ‘संगीतकार रोशन के गीतों में राग-दर्शन’ के
इस अंक में हमने आपके लिए राग पीलू में निबद्ध एक दादरा और राग पीलू की
शास्त्रीय संरचना पर चर्चा की और इस राग का एक फिल्मी उदाहरण भी प्रस्तुत
किया। रोशन के संगीत पर चर्चा के लिए हमने फिल्म संगीत के सुप्रसिद्ध
इतिहासकार सुजॉय चटर्जी के आलेख और लेखक पंकज राग की पुस्तक ‘धुनों की
यात्रा’ का सहयोग लिया है। हम इन दोनों विद्वानों का आभार प्रकट करते हैं।
आगामी अंक में हम भारतीय संगीत जगत के सुविख्यात संगीतकार रोशन के एक अन्य
राग आधारित गीत पर चर्चा करेंगे। हमारी आगामी श्रृंखलाओं के विषय, राग,
रचना और कलाकार के बारे में यदि आपकी कोई फरमाइश हो तो हमें अवश्य लिखिए।
अगले अंक में रविवार को प्रातः 8 बजे हम ‘स्वरगोष्ठी’ के इसी मंच पर सभी
संगीत-प्रेमियों का स्वागत करेंगे।
प्रस्तुति : कृष्णमोहन मिश्र