Skip to main content

Posts

Showing posts with the label Bolti Kahaniyan

ऑडियो: नाम का चमत्कार (अनुराग शर्मा)

रेडियो प्लेबैक इंडिया के साप्ताहिक स्तम्भ 'बोलती कहानियाँ' के अंतर्गत हम आपको सुनवाते हैं हिन्दी की नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में देवी नागरानी की कथा ' अतीत ' का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं अनुराग शर्मा की लघुकथा 'नाम का चमत्कार' , अनुराग शर्मा के ही स्वर में। लघुकथा "नाम का चमत्कार" का कुल प्रसारण समय 9 मिनट 3 सेकंड है। इसका गद्य बर्ग वार्ता ब्लॉग पर उपलब्ध है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। आपके चरित्र पर आपका अधिकार है, छवि पर नहीं ... - अनुराग शर्मा हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी कहानी आत्मा तो घायल नहीं हो सकती। न जल सकती है न आद्र होती है। बारिश की बूंद को छूती तो है पर फिर भ

ऑडियो: देवी नागरानी की कथा अतीत

रेडियो प्लेबैक इंडिया के साप्ताहिक स्तम्भ 'बोलती कहानियाँ' के अंतर्गत हम आपको सुनवाते हैं हिन्दी की नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने पूजा अनिल की आवाज़ में मनीषा कुलश्रेष्ठ की कथा ' प्रश्न का पेड़ ' का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं देवी नागरानी की कथा 'अतीत' , अनुराग शर्मा के स्वर में। कहानी "अतीत" का कुल प्रसारण समय 11 मिनट 28 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। कहानी लिखने के लिये किसी भी बड़े काण्ड या वारदात का होना ज़रूरी नहीं। - देवी नागरानी हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी कहानी बस एक बार फिर उस शोर में वह एकल भीड़ का हिस्सा बनकर रह गयी। ( देवी नागरानी की कहानी "अतीत" से एक अंश ) नीचे के प्लेयर

ऑडियो कथा: प्रश्न का पेड़ - मनीषा कुलश्रेष्ठ

रेडियो प्लेबैक इंडिया के साप्ताहिक स्तम्भ 'बोलती कहानियाँ' के अंतर्गत हम आपको सुनवाते हैं हिन्दी की नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में  प्रबोध गोविल  की कथा ' लोग पत्थर फेंकते हैं ' का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं मनीषा कुलश्रेष्ठ की कथा  'प्रश्न का पेड़' ,  पूजा अनिल  के स्वर में। कहानी "प्रश्न का पेड़" का कुल प्रसारण समय 5 मिनट 59 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। एक बार फिर से घर ट्रक के हवाले और हम बेघर... नये घर के सजने तक... हमारे परदे किसी टैंट या बाशा (बांस के घर) में लग जाते हैं वही घर हो जाता है हम फौजी परिवारों का। आसान तो नहीं यूँ जीना लेकिन धरती को घर मान लो तो फिर सब आनंद। - मनी

ऑडियो: लोग पत्थर फेंकते हैं (लघुकथा) - प्रबोध गोविल

रेडियो प्लेबैक इंडिया के साप्ताहिक स्तम्भ 'बोलती कहानियाँ' के अंतर्गत हम आपको सुनवाते हैं हिन्दी की नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में  जैनेंद्र कुमार  की कथा ' अपना अपना भाग्य ' का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं प्रबोध गोविल की हिंदी लघुकथा  'लोग पत्थर फेंकते हैं' ,  अनुराग शर्मा  के स्वर में। कहानी "लोग पत्थर फेंकते हैं" का कुल प्रसारण समय 1 मिनट 42 सेकंड है। इसका गद्य ' कहना पड़ता है ' पर उपलब्ध है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। साहित्य जीवन का दस्तावेज़ है। यदि आप अपने घर से बाहर निकल कर कुछ देखने का जोख़िम नहीं लेना चाहते,तो अपना घर ही देखिये-वहां भी एक भाग में,जहाँ आप पूजा करते हैं,आप जूते

ऑडियो: अपना अपना भाग्य (जैनेंद्र कुमार)

रेडियो प्लेबैक इंडिया के साप्ताहिक स्तम्भ 'बोलती कहानियाँ' के अंतर्गत हम आपको सुनवाते हैं हिन्दी की नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार से रा यात्री की कथा ' अवांतर प्रसंग ' का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं प्रसिद्ध साहित्यकार  जैनेंद्र कुमार की कहानी अपना अपना भाग्य ,  अनुराग शर्मा  के स्वर में। कहानी "अपना अपना भाग्य" का कुल प्रसारण समय 15 मिनट 5 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। साहित्य अकादमी पुरस्कार, हिंदुस्तानी अकादमी पुरस्कार, हस्तीमल डालमिया पुरस्कार, तथा पद्म भूषण से सम्मानित साहित्यकार श्री जैनेंद्र कुमार का वास्तविक नाम आनंदी लाल था। उपन्यास, कहानी, तथा निबंध

से रा यात्री की कहानी "अवांतर प्रसंग"

रेडियो प्लेबैक इंडिया के साप्ताहिक स्तम्भ 'बोलती कहानियाँ' के अंतर्गत हम आपको सुनवाते हैं हिन्दी की नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में  उन्हीं की लघुकथा " बलिहारी गुरु आपने " का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं, हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार श्री  से रा यात्री की कहानी अवांतर प्रसंग ,  अनुराग शर्मा  के स्वर में। कहानी "अवांतर प्रसंग" का कुल प्रसारण समय 8 मिनट 26 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। भारतीय समाज की जो छद्म खुशहाली आज अजगर का आकार ग्रहण करते, मुद्रा प्रसार के समुद्र में डूबती-उतराती दीख पड़ती है, वह चार-पाँच दशक पहले तक अकल्पित थी। ~ से रा यात्री हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी कहानी &quo

ऑडियो: शेर और कवया (उदयन वाजपेयी) - उषा छाबड़ा

लोकप्रिय स्तम्भ " बोलती कहानियाँ " के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा  के स्वर में   प्रियांकी मिश्रा  के संस्मरण " मेघ " का वाचन सुना था। आज प्रस्तुत है उदयन वाजपेयी की रोचक बालकथा ' शेर और कवया ', जिसे स्वर दिया है उषा छाबड़ा ने। यह कहानी तक्षशिला प्रकाशन की पत्रिका साइकिल में प्रकाशित हुई थी। इसका कुल प्रसारण समय 9 मिनट 4 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितने सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं आदि को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। विचारक, अनुवादक, पत्रकार, और साहित्यकार उदयन वाजपेयी का जन्म 04 जनवरी 1960 को सागर (मध्य प्रदेश) में हुआ था। कम-से-कम भारत में राष्ट्रवाद के उभरने के पीछे हमारा आधुनिकता की अन्ध-स्वीकृति और अपनी पारम्परिक दृष्टियों का उतना

ऑडियो संस्मरण: मेघ (प्रियांकी मिश्रा)

लोकप्रिय स्तम्भ " बोलती कहानियाँ " के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने पूजा अनिल  के स्वर में  मिन्नी मिश्रा  की लघुकथा " रील बनाम रीयल " का वाचन सुना था। आज प्रस्तुत है प्रियांकी मिश्रा  का मर्मस्पर्शी संस्मरण मेघ , जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। प्रस्तुत संस्मरण " मेघ " का गद्य कला और साहित्य के द्वैभाषिक मासिक सेतु के दिसम्बर 2018 अंक में उपलब्ध है। इसका कुल प्रसारण समय 8 मिनट 21 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितने सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं आदि को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। डॉ. प्रियांकी मिश्रा एम जी एम मेडिकल कॉलेज,जमशेदपुर में प्राध्यापक हैं। हिन्दी और अंग्रेजी में लेखन, अंग्रेजी उपन्यास "Whatsoever you do" प्रकाशित। वस्तुतः मैं ल

रील बनाम रीयल (मिन्नी मिश्रा)

लोकप्रिय स्तम्भ " बोलती कहानियाँ " के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने शीतल माहेश्वरी के स्वर में  राशि सिंह  की लघुकथा " पॉकेटमनी " का वाचन सुना था। आज प्रस्तुत है मिन्नी मिश्रा  की लघुकथा रील बनाम रीयल , जिसे स्वर दिया है पूजा अनिल ने। प्रस्तुत लघुकथा " रील बनाम रीयल " का गद्य कला और साहित्य के द्वैभाषिक मासिक सेतु के दिसम्बर 2018 अंक में उपलब्ध है। इसका कुल प्रसारण समय 4 मिनट 19 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं आदि को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। विधा: लघुकथा; शिक्षा: स्नातकोत्तर (हिंदी); निवास: पटना (बिहार) ~ मिन्नी मिश्रा हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी “अभी नहीं रोहित, जल्दी घर पहुँचना है।” अपना हाथ

ऑडियो: पॉकेटमनी (राशि सिंह)

लोकप्रिय स्तम्भ " बोलती कहानियाँ " के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने पूजा अनिल के स्वर में मनु बेतख़ल्लुस  की लघुकथा " रंग " का वाचन सुना था। आज प्रस्तुत है  राशि सिंह  की लघुकथा पॉकेटमनी , जिसे स्वर दिया है शीतल माहेश्वरी ने। प्रस्तुत लघुकथा " पॉकेटमनी " का कुल प्रसारण समय 3 मिनट 5  सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं आदि को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। ज़िंदगी हमें उलझनों में उलझाकर अपने धीरे-धीरे गुज़रते जाने का एहसास भी नही होने देती। ~ राशि सिंह हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी "पॉकेट मनी" मान्या ने मासूमियत से कहा।" ( राशि सिंह की लघुकथा 'पॉकेटमनी' से एक अंश ) नीचे के प्लेयर से

ऑडियो: रंग (मनु बेतख़ल्लुस) - पूजा अनिल के स्वर में

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने शीतल माहेश्वरी के स्वर में  वीरेंद्र भाटिया  की लघुकथा " गाय " का वाचन सुना था। आज प्रस्तुत है  मनु बेतख़ल्लुस  की लघुकथा रंग , जिसे स्वर दिया है पूजा अनिल  ने। प्रस्तुत लघुकथा " रंग " का कुल प्रसारण समय 4 मिनट 16 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं आदि को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। है फ़साना-ऐ-उम्र ये, हम पर पीरी आई शबाब से पहले। ~ मनु बेतख़ल्लुस हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी "मनु यार, कम से कम हाथ तो धो ले!" ( मनु बेतख़ल्लुस की लघुकथा 'रंग' से एक अंश ) नीचे के प्लेयर से सुनें. (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कं

बोलती कहानियाँ: गाय (लघुकथा)

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने शीतल माहेश्वरी के स्वर में निरञ्जन धुळेकर  की लघुकथा " छन्न " का वाचन सुना था। आज प्रस्तुत है  वीरेंद्र भाटिया  की लघुकथा गाय , जिसे स्वर दिया है शीतल माहेश्वरी ने। प्रस्तुत लघुकथा " गाय " का कुल प्रसारण समय 4 मिनट 33 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं आदि को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। कोई पशु अपने साथी को नहीं खाता। जिसे खाता है उसे मालूम है कि मैं इसका भोजन बनूंगा। इधर नहीं मालूम। आदमी कब साथी को खा जाए साथी को नहीं मालूम। ~ वीरेंद्र भाटिया हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी "हाईवे पर फर्र फर्र आ जा रहे थे वाहन, हाईवे पार करती गाय ट्रक स

ऑडियो लघुकथा: छन्न

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने शीतल माहेश्वरी के स्वर में अर्चना तिवारी  की लघुकथा " उड़नपरी " का वाचन सुना था। आज प्रस्तुत है निरञ्जन धुळेकर  की लघुकथा छन्न , जिसे स्वर दिया है शीतल माहेश्वरी ने। प्रस्तुत लघुकथा " छन्न " का कुल प्रसारण समय 5 मिनट 11 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं आदि को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। प्यार इसीलिए करना चाहिए ताकि, पता चल जाए कि प्यार क्यों नही करना चाहिए! ~ निरञ्जन धुळेकर हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी "थकान से मैं कभी नही सोया ... कल खाना मिलेगा ये पता होता तो नींद मेरा भी पता ढूंढ ही लेती।" ( निरञ्जन धुळेकर की लघुकथा 'छन्न

ऑडियो लघुकथा: उड़नपरी

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने पूजा अनिल के स्वर में सुधीर द्विवेदी  की लघुकथा " जंग " का वाचन सुना था। आज प्रस्तुत है  अर्चना तिवारी  की लघुकथा उड़नपरी , जिसे स्वर दिया है शीतल माहेश्वरी ने। प्रस्तुत लघुकथा " उड़नपरी " का कुल प्रसारण समय 5 मिनट 21 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं आदि को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। हमने बच्चों को कच्ची मिट्टी ही समझ रखा है। जबकि वास्तविकता यह है कि सृष्टि ने पहले से ही हर बच्चे में रचनात्मकता भर कर हमें सौंपा है। ~  अर्चना तिवारी हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी "ममा मैं सलवार-कुर्ता नहीं पहनूंगी, मुझे गर्मी लगती है।" ( अर्चना तिव

ऑडियो कथा: सुधीर द्विवेदी की 'जंग'

इस लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में विनोद नायक की लघुकथा " रसायन " का वाचन सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं सुधीर द्विवेदी की लघुकथा एक बार फिर,  स्पेन से  पूजा अनिल के स्वर में। प्रस्तुत लघुकथा का कुल प्रसारण समय 4 मिनट 45 सेकंड है। सुनिए और बताइये कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। सुधीर द्विवेदी:  दैनिक जागरण, राजस्थान पत्रिका, दैनिक ट्रिब्यून, महानगर मेल आदि समाचार पत्रों में लघुकथाएँ प्रकाशित, लघुकथा अनवरत, बूंद-बूंद सागर, अपने-अपने क्षितिज लघुकथा संकलनो में, साहित्य-अमृत , शोध दिशा, अविराम साहित्यिकी, इत्यादि साहित्यिक पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित। पड़ाव-पड़ताल खंड 26 हेतु रचनाएँ चयनित, दिशा नवोदित पुरूस्कार, वनिका

विनोद नायक की लघुकथा: रसायन

बोलती कहानियाँ स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने  पूजा अनिल  की आवाज़ में  चंद्रेश कुमार छतलानी  की कहानी " एक गिलास पानी " का पॉडकास्ट सुना था। आज हम लेकर आये हैं विनोद नायक की एक लघुकथा: दवा और दुआ , जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। लघुकथा का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 20 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। इस लघुकथा का गद्य सेतु पत्रिका पर उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। लेखक: डॉ .विनोद नायक,  नागपुर महाराष्ट्र हर सप्ताह सुनिए एक नयी कहानी "ये सब तो ठीक है लेकिन माँ गीले पंखों से ठीक से उड़ भी पा रही होगी या नही।" ( विनोद नायक की "रसायन" से एक अंश ) नीचे के प्लेयर से सुनें. (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।) यदि आप इस पॉ

बोलती कहानियाँ: एक गिलास पानी (चंद्रेश कुमार छतलानी)

इस लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम आपको सुनवाते रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में वंदना अवस्थी दुबे की लघुकथा  जय हो माई सुनी थी। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं चंद्रेश कुमार छतलानी की एक लघुकथा एक गिलास पानी जिसे स्वर दिया है पूजा अनिल ने। प्रस्तुत लघुकथा का गद्य " फ़ेसबुक " पर उपलब्ध है। " एक गिलास पानी " का कुल प्रसारण समय  3 मिनट 44 सेकण्ड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। चंद्रेश कुमार छतलानी ( सहायक आचार्य - कंप्यूटर विज्ञान ) लघुकथा, पद्य, कविता, ग़ज़ल, गीत, कहानियाँ, लेख, पत्र मधुमति (राजस्थान साहित्य अकादमी की मासिक पत्रिका), ओपन बुक्स ऑनलाइन, शब्द व्यंजना, रचनाकार, अमेजिंग यात्रा, निर्झर टाइम्स, राष्ट्रदूत, जागरूक टाइम्स, Royal Harbinger

ऑडियो: लघुकथा - वंदना अवस्थी दुबे

इस लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम आपको सुनवाते रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछली बार आपने  अनुराग शर्मा  के स्वर में उन्हीं की लघुकथा  तर्पण   सुनी थी। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं वंदना अवस्थी दुबे की एक लघुकथा जय हो माई  जिसे स्वर दिया है  अनुराग शर्मा  ने। प्रस्तुत लघुकथा का गद्य " फ़ेसबुक " पर उपलब्ध है। " जय हो माई " का कुल प्रसारण समय एक मिनट 59 सेकण्ड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। वंदना अवस्थी दुबे पाँच वर्षों तक आकाशवाणी छतरपुर में अस्थायी उद्घोषिका के रूप में कार्य करने के बाद "दैनिक देशबंधु"- सतना में उप सम्पादक/फ़ीचर सम्पादक के रूप में बारह वर्षीय कार्यानुभव वर्तमान में निजी विद्यालय का संचालन, स्वतंत्र पत्रकारिता और लेखन कार्य।  हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक

ऑडियो: अनुराग शर्मा की लघुकथा - तर्पण

'बोलती कहानियाँ' स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको नई-पुरानी, प्रसिद्ध-अल्पज्ञात, मौलिक-अनूदित, हर प्रकार की हिंदी कहानियाँ सुनवाते रहे हैं। पिछले सप्ताह आपने शीतल माहेश्वरी  के स्वर में ऋता शेखर 'मधु' की लघुकथा " ऊधम " का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं अनुराग शर्मा की लघुकथा " तर्पण ", उन्हीं के स्वर में। इस लघुकथा का टेक्स्ट अनुराग शर्मा के ब्लॉग बर्ग वार्ता पर उपलब्ध है। इस कथा का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 0 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। फल ज़हरीले दिख पाते तो बीज कनक के यूँ बोते न, यदि सार्थक कर पाते दिन तो रातों को उठकर रोते न।  ~ अनुराग शर्मा हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी "अच्छा! यहाँ मज़दूरी करते हो? कितने पैसे मिल जाते हैं रोज़ के?”  ( अनुरा

ऑडियो: ऋता शेखर मधु की लघुकथा ऊधम

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने शीतल माहेश्वरी के स्वर में अनूप शुक्ल का व्यंग्य " बस मुस्कुराते रहें " का वाचन सुना था। आज प्रस्तुत है ऋता शेखर मधु की लघुकथा ऊधम , जिसे स्वर दिया है शीतल माहेश्वरी ने। प्रस्तुत लघुकथा " ऊधम " का कुल प्रसारण समय 3 मिनट 9 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। अधिकार, एक ऐसा शब्द जो सुख, सुविधा और सहुलियत के दरवाजे खोलता है। कहते हैं जब मनुष्य अपना कर्तव्य करता है तो अधिकार खुद ब खुद मिल जाते हैं। समाज में रहने के लिए कर्तव्य और अधिकार, दोनों आवश्यक हैं। ~  ऋता शेखर मधु हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी बन्दर शाम को यह