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Showing posts with the label Anurag Sharma

माधव नागदा की लघुकथा माँ

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। इस शृंखला में पिछली बार आपने पूजा अनिल के स्वर में   दीपक मशाल  की कथा " निमंत्रण " का पाठ सुना था। इस बार हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं माधव नागदा की लघुकथा माँ , जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। प्रस्तुत लघुकथा " माँ " का कुल प्रसारण समय 3 मिनट 29 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। इस लघुकथा का गद्य सेतु पत्रिका के अक्टूबर अंक में पढा जा सकता है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। “बिग बॉस हम सबके भीतर रहता है रोड़ीलाल।”  ~ माधव नागदा हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी “गले लगी है, बहुत दिनों बाद, रमेश को लगता है कि उसकी बाँहों में कैक्टस उग आये हैं।”  ( म

अजय नावरिया की कहानी इतिहास

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में अशोक भाटिया की लघुकथा " पापा जब बच्चे थे " का वाचन सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं, अजय नावरिया की मननशील कथा इतिहास , अनुराग शर्मा के स्वर में। सामाजिक पुनर्गठन से गुज़रते एक वैविध्यपूर्ण समाज की उलझनों को सुलझाते हुए एक आधुनिक परिवार और उनके मित्रों के सम्वाद के माध्यम से अजय ने वर्तमान भारतीय परिदृश्य का बहुत सुंदर चित्रण किया है। इस कहानी इतिहास का मूल गद्य द्वैभाषिक मासिक पत्रिका सेतु पर उपलब्ध है। कथा का कुल प्रसारण समय 25 मिनट 23 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। 6 जून 1972 को दिल्ली में

पापा जब बच्चे थे - अशोक भाटिया

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में सौरभ शर्मा की मार्मिक कथा " नदी, जो झील बन गई " का वाचन सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं, अशोक भाटिया की लघुकथा पापा जब बच्चे थे , अनुराग शर्मा के स्वर में। पुनर्जन्म लेते एक नगर की मार्मिक कथा को दो मित्रों के पत्राचार के माध्यम से सौरभ ने बहुत खूबसूरती से प्रस्तुत किया है। इस लघुकथा पापा जब बच्चे थे का मूल गद्य द्वैभाषिक मासिक पत्रिका सेतु पर उपलब्ध है। लघुकथा का कुल प्रसारण समय 3 मिनट 54 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। अम्बाला छावनी में जन्मे अशोक भाटिया की मुख्य कृतियाँ: जंगल में आदमी, अँध

नदी जो झील बन गई - सौरभ शर्मा

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने उषा छाबड़ा के स्वर में उन्हीं की मार्मिक कथा " अम्मा " का पाठ सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं, सौरभ शर्मा की कथा नदी जो झील बन गई , अनुराग शर्मा के स्वर में। पुनर्जन्म लेते एक नगर की मार्मिक कथा को दो मित्रों के पत्राचार के माध्यम से सौरभ ने बहुत खूबसूरती से प्रस्तुत किया है। रायपुर (छत्तीसगढ) निवासी सौरभ शर्मा साहित्यिक अभिरुचि वाले एक युवा पत्रकार हैं। आज के समय में उनके जैसे सरल और सच्चे लोग आम नहीं होते हैं। आप उनसे उनके ब्लॉग मैं और मेरा परिवेश पर मिल सकते हैं। इस कहानी नदी जो बन गई झील का गद्य सेतु मासिक पत्रिका पर पढा जा सकता है। कहानी का कुल प्रसारण समय 18 मिनट 34 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं

संतोष त्रिवेदी का व्यंग्य कूड़ा

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने उषा छाबड़ा के स्वर में उन्हीं की शिक्षाप्रद लघुकथा " स्वेटर " का पाठ सुना था। आज अनुराग शर्मा  के स्वर में हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं, संतोष त्रिवेदी का व्यंग्य  कूड़ा । हिन्दी के स्थापित साहित्यकार संतोष त्रिवेदी साहित्यिक अभिरुचि वाले अध्यापक हैं। वे लम्बे समय से दिल्ली में अध्यापन कार्य के साथ-साथ स्वतंत्र लेखन में संलग्न हैं। इस कहानी कूड़ा का कुल प्रसारण समय 3 मिनट 29 सेकंड है। इस कहानी "कूड़ा" का गद्य फेसबुक पर उपलब्ध है. सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। अब के बरस उनका यही फरमान है, इंसान बस लूटा हुआ सामान है। ~ संतोष त्रिव

रसिक संपादक - प्रेमचंद

इस लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में सर्वेश तिवारी "श्रीमुख" की लघुकथा " दंगा " का वाचन सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं मुंशी प्रेमचंद की कहानी रसिक संपादक जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। प्रस्तुत कथा का गद्य " हिन्दी समय " पर उपलब्ध है। " रसिक संपादक " का कुल प्रसारण समय 15 मिनट 55 सेकंड है। सुनिए और बताइये कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ ... मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं  ~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६) हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी "क्या तुम समझते हो मुझे छोड़कर भाग जाओगे?”  ( मुंशी प्रेमचंद कृत "रसिक

दंगा - सर्वेश तिवारी "श्रीमुख"

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में काजल कुमार की लघुकथा " शिकार " का वाचन सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं सर्वेश तिवारी "श्रीमुख" लिखित लघुकथा दंगा , जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। इस कहानी दंगा का कुल प्रसारण समय 9 मिनट 2 सेकंड है। इसका गद्य फेसबुक पर उपलब्ध है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। फेसबुक पर हज़ारों की फॉलोअरशिप वाले "मोतीझील वाले बाबा" सर्वेश तिवारी "श्रीमुख" एक उदीयमान लेखक हैं। वे गोपालगंज में रहते हैं। हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी "इधर की दुल्हनें चौथ का चाँद अके

असगर वजाहत की जब वह बुलाएगा

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार हरिशंकर परसाई की लघुकथा " समझौता " का पाठ सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं, असगर वजाहत की लघुकथा जब वह बुलाएगा , जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। इस कहानी जब वह बुलाएगा का कुल प्रसारण समय 1 मिनट 47 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। असगर वजाहत की निम्न कहानियाँ भी रेडियो प्लेबैक इंडिया पर सुनी जा सकती हैं: हंसी   राजा   आग चार सूफी और एक कंबल यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। रात के वक्त़ रूहें अपने बाल-बच्चों से मिलने आती हैं।  ~ असगर वजाहत हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी &

हरिशंकर परसाई की समझौता

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" की लघुकथा " महावीर और गाड़ीवान " का पाठ सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं, हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार हरिशंकर परसाई की लघुकथा समझौता , जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। इस कहानी  समझौता  का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 18 सेकंड है। इस लघुकथा का गद्य हिन्दी समय पर उपलब्ध है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। मेरी जन्म-तारीख 22 अगस्त 1924 छपती है। यह भूल है। तारीख ठीक है। सन् गलत है। सही सन् 1922 है। ।  ~ हरिशंकर परसाई (1922-1995) हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी क

सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" की महावीर और गाड़ीवान

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में सलिल वर्मा की लघुकथा " बेटी पढ़ाओ " का पाठ सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं, हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" की लघुकथा महावीर और गाड़ीवान , जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। इस कहानी  महावीर और गाड़ीवान  का कुल प्रसारण समय 1 मिनट 51 सेकंड है। इस लघुकथा का गद्य हिन्दी समय पर उपलब्ध है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" का जन्म वसंत पंचमी, 1896 को मेदिनीपुर (पश्चिम बंगाल) में हुआ था। उनका रचनाकर्म गीत, कवि

सलिल वर्मा की लघुकथा "बेटी पढ़ाओ"

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में काजल कुमार की लघुकथा " आढ़तिया " का पाठ सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं सलिल वर्मा के व्यक्तिगत अनुभव पर आधारित लघुकथा बेटी पढ़ाओ , जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। इस कहानी  बेटी पढ़ाओ  का कुल प्रसारण समय 1 मिनट 52 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। ज़मीन से जुड़े कवि, कथाकार और व्यंग्यकार सलिल वर्मा एक राष्ट्रीयकृत बैंक में उच्चाधिकारी हैं। वे आजकल भावनगर, गुजरात में रहते हैं। आप उनसे उनके हिन्दी ब्लॉग " चला बिहारी ब्लॉगर बनने " पर मिल सकते हैं। हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहा

काजल कुमार की लघुकथा आढ़तिया

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में उषा छाबड़ा की लघुकथा " बचपन का भोलापन " का पाठ सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं काजल कुमार लिखित लघुकथा आढ़तिया , जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। इस कहानी आढ़तिया का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 45 सेकंड है। इसका गद्य कथा-कहानी ब्लॉग पर उपलब्ध है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। कवि, कथाकार और कार्टूनिस्ट काजल कुमार के बनाए चरित्र तो आपने देखे ही हैं। उनकी व्यंग्यात्मक लघुकथायेँ " समय ", " एक था गधा ", " ड्राइवर ", " लोकतनतर ", और कुत्ता आप पहले सुन चुके हैं। काजल कुमार

अनुराग शर्मा की लघुकथा खिलखिलाहट

रेडियो प्लेबैक इंडिया के साप्ताहिक स्तम्भ 'बोलती कहानियाँ' के अंतर्गत हम आपको सुनवाते हैं हिन्दी की नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में हिन्दी के प्रसिद्ध लेखक असगर वजाहत की लघुकथा " चार सूफी और एक कंबल " का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं अनुराग शर्मा की एक लघुकथा " खिलखिलाहट ", उन्हीं के स्वर में। कहानी "खिलखिलाहट" एक दादा-दादी के वार्तालाप पर आधारित है। इसका कुल प्रसारण समय 1 मिनट 7 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। इस कथा "खिलखिलाहट" का टेक्स्ट बर्ग वार्ता पर उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। मैं भारत से बाहर भारत मुझ में रहता है मेरी सब सीमाएं राष्ट्र असीमित सहता है ~ अनुराग शर्मा हर सप्त

असगर वजाहत की लघुकथा चार सूफी और एक कंबल

'बोलती कहानियाँ' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने उषा छाबड़ा की आवाज़ में हिन्दी के अमर साहित्यकार पण्डित सुदर्शन की कालजयी रचना " हार की जीत " का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं असगर वजाहत की एक कहानी " चार सूफी और एक कंबल ", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी "चार सूफी और एक कंबल" का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 33 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। असगर वजाहत की निम्न कहानियाँ भी रेडियो प्लेबैक इंडिया पर सुनी जा सकती हैं: हंसी   राजा   आग इस कथा "चार सूफी और एक कंबल" का टेक्स्ट रचनाकार पर उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। रात के वक्त़ रूहें अपने बाल-बच्चों से मिलने आती हैं। ~ असगर वजाहत हर   सप्ताह यहीं  पर सुनें एक नयी कहान

सर्व शिक्षा अभियान - असित कुमार मिश्र

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अर्चना चावजी के स्वर में सौरभ चतुर्वेदी की हृदयस्पर्शी कथा " रुद्राभिषेक " का पाठ सुना था। आज हम आपका परिचय एक नए और प्रतिभाशाली उदीयमान लेखक से करा रहे हैं। आज आपकी सेवा में प्रस्तुत है, उत्तर प्रदेश के सर्व शिक्षा अभियान की कलाई खोलती   असित कुमार मिश्र लिखित मर्मस्पर्शी कथा सर्व शिक्षा अभियान , अनुराग शर्मा के स्वर में। इस कहानी सर्व शिक्षा अभियान का कुल प्रसारण समय 7 मिनट 39 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। हम सभी जीवन रुपी पाठशाला के विद्यार्थी हैं । जीवन भर पढ़ना है, लेकिन बंधना कहीं नहीं है। हमेशा तैयार रहना है, नए को आत्मसात करने

काजल कुमार की लघुकथा समय

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने  अनुराग शर्मा  के स्वर में  काजल कुमार  की लघुकथा " कुत्ता " का पाठ सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं काजल कुमार लिखित लघुकथा समय , जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। इस कहानी समय  का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 10 सेकंड है। इसका गद्य कथा-कहानी ब्लॉग पर उपलब्ध है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। कवि, कथाकार और कार्टूनिस्ट काजल कुमार के बनाए चरित्र तो आपने देखे ही हैं। उनकी व्यंग्यात्मक लघुकथायेँ " एक था गधा ", " ड्राइवर ", " लोकतनतर ", और कुत्ता आप पहले सुन चुके हैं। काजल कुमार दिल्ली में रहते हैं। हर सप्ता

काजल कुमार की लघुकथा कुत्ता

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने माधवी गणपुले के स्वर में आशा गुप्ता आशु की लघुकथा " ममता की छांव में " का पाठ सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं काजल कुमार लिखित लघुकथा कुत्ता , जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। इस कहानी कुत्ता  का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 40 सेकंड है। इसका गद्य कथा-कहानी ब्लॉग पर उपलब्ध है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। कवि, कथाकार और कार्टूनिस्ट काजल कुमार के बनाए चरित्र तो आपने देखे ही हैं। उनकी व्यंग्यात्मक लघुकथायेँ " एक था गधा ", " ड्राइवर " और " लोकतनतर " आप पहले सुन चुके हैं। काजल कुमार दिल्ली में रहते हैं।

शाहिद अजनबी की लघुकथा माँ तो सबकी एक-जैसी होती है

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में गिरिजेश राव की लघुकथा " मुक्ति " का वाचन सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं शाहिद मंसूर "अजनबी" की लघुकथा माँ तो सबकी एक-जैसी होती है , जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। इस कहानी का गद्य सुख़नफ़हम ब्लॉग पर पढ़ा जा सकता है। इस कहानी का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 15 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। लफ़्ज़ों को तोड़ता हूँ, रदीफ़-काफिया जोड़ता हूँ यूँ समझो दिल की उलझन को, काग़ज़ पे उतारता हूँ  ~  शाहिद मंसूर "अजनबी" हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी "माँ का खत पढ़ने से

गिरिजेश राव लिखित लघुकथा मुक्ति

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में अनुराग शर्मा की लघुकथा " व्यवस्था " का पाठ सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं गिरिजेश राव लिखित लघुकथा मुक्ति , जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। बोलती कहानियाँ के पाठकों के लिए गिरिजेश राव का नाम नया नहीं है। उनकी कुछ अन्य रोचक कथाओं कों यहाँ सुना जा सकता है। इस कहानी मुक्ति का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 7 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। प्रतिमाओं को गढ़ा जाता है उस अनुभव को मूर्त करने के लिये, मूर्ति इसीलिये कहते हैं। सूक्ष्म स्तर तक सभी नहीं जा सकते इसलिये स्थूल विग्रह का आधार दिया जाता है कि उसी बह

अनुराग शर्मा की लघुकथा व्यवस्था

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में दीपक मशाल की लघुकथा " परछाईं " का पाठ सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं अनुराग शर्मा लिखित लघुकथा व्यवस्था , जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। प्रस्तुत लघुकथा " व्यवस्था " का गद्य बर्ग वार्ता ब्लॉग पर पढ़ा जा सकता है। इस कहानी का कुल प्रसारण समय 4 मिनट 25 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। हर इक ईंट में बसी है एक याद मेरी ज़िंदगी गिरती दीवार सी है  ~ अनुराग शर्मा हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी "... और पढने की मेज़? राम, राम! हर आकार के बीसियों कागज़ जिनपर तरह-तरह के