Skip to main content

Posts

Showing posts with the label सुनो कहानी

विनोद नायक की लघुकथा: दवा और दुआ

बोलती कहानियाँ स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने  अनुराग शर्मा  की आवाज़ में उर्दू और हिंदी प्रसिद्ध के साहित्यकार उपेन्द्रनाथ अश्क की कहानी " आ लड़ाई आ, मेरे आंगन में से जा " का पॉडकास्ट सुना था। आज हम लेकर आये हैं विनोद नायक की एक लघुकथा: दवा और दुआ , जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। लघुकथा का कुल प्रसारण समय 3 मिनट 1 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। इस लघुकथा का गद्य सेतु पत्रिका पर उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। लेखक: डॉ .विनोद नायक,  नागपुर महाराष्ट्र हर सप्ताह सुनिए एक नयी कहानी "मुरारी, तुम्हारे पापा का ऑपरेशन होगा" ( विनोद नायक की "दवा और दुआ" से एक अंश ) नीचे के प्लेयर से सुनें. (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक क

आ लड़ाई आ - उपेन्द्रनाथ अश्क

बोलती कहानियाँ स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने पूजा अनिल की आवाज़ में वंदना अवस्थी दुबे की कहानी " डेरा उखड़ने से पहले " का पॉडकास्ट सुना था। आज हम लेकर आये हैं उर्दू और हिंदी प्रसिद्ध के साहित्यकार उपेन्द्रनाथ अश्क की एक सधी हुई कहानी " आ लड़ाई आ,  मेरे आंगन में से जा ", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी का कुल प्रसारण समय 5 मिनट 43 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। उर्दू के सफल लेखक उपेन्द्रनाथ 'अश्क' ने मुंशी प्रेमचंद की सलाह पर हिन्दी में लिखना आरम्भ किया। 1933 में प्रकाशित उनके दूसरे कहानी संग्रह 'औरत की फितरत' की भूमिका मुंशी प्रेमचन्द ने ही लिखी थी। अश्क जी को 1972 में 'सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार' से सम्मानित किया गया। हर सप्ताह सुन

डेरा उखड़ने से पहले - वंदना अवस्थी दुबे

इस लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम आपको सुनवाते रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछली बार आपने  अनुराग शर्मा  के स्वर में मुंशी प्रेमचंद की एक प्रेरक कथा पञ्च परमेश्वर सुनी थी। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं वंदना अवस्थी दुबे की एक कथा डेरा उखड़ने से पहले जिसे स्वर दिया है पूजा अनिल ने। प्रस्तुत कथा का गद्य " सेतु द्वैभाषिक पत्रिका " पर उपलब्ध है। " डेरा उखड़ने से पहले " का कुल प्रसारण समय 26 मिनट 22 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। वंदना अवस्थी दुबे पाँच वर्षों तक आकाशवाणी छतरपुर में अस्थायी उद्घोषिका के रूप में कार्य करने के बाद "दैनिक देशबंधु"- सतना में उप सम्पादक/फ़ीचर सम्पादक के रूप में बारह वर्षीय कार्यानुभव वर्तमान में निजी विद्यालय का संचालन, स्वतंत्र पत्रकारिता औ

पञ्च परमेश्वर (मुंशी प्रेमचंद)

इस लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम आपको सुनवाते रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछली बार आपने  अनुराग शर्मा  के स्वर में ज्योत्सना सिंह की कहानी ' भावनाओं का सम्बल ' सुनी थी। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं मुंशी प्रेमचंद की एक प्रेरक कथा पञ्च परमेश्वर जिसे स्वर दिया है  अनुराग शर्मा  ने। एक शताब्दी से हिन्दी (एवं उर्दू) साहित्य जगत में मुंशी प्रेमचंद का नाम एक सूर्य की तरह चमक रहा है। विशेषकर, ज़मीन से जुड़े एक कथाकार के रूप में उनकी अलग ही पहचान है। उनके पात्रों और कथाओं का क्षेत्र काफी विस्तृत है फिर भी उनकी अनेक कथाएँ भारत के ग्रामीण मानस का चित्रण करती हैं। उनका वास्तविक नाम धनपत राय श्रीवास्तव था। वे उर्दू में नवाब राय और हिन्दी में प्रेमचंद के नाम से लिखते रहे। आम आदमी की बेबसी हो या हृदयहीनों की अय्याशी, बचपन का आनंद हो या बुढ़ापे की जरावस्था, उनकी कहानियों में सभी अवस्थाएँ मिलेंगी और सभी भाव भी। उनकी कहानियों पर फिल्में भी बनी हैं और अनेक रेडियो व टीवी कार्यक्रम भी। उनकी पहली हिन्दी कहानी सरस्वती पत्रिका के दिसंबर 1915 के अंक में &quo

भावनाओं का सम्बल - ज्योत्सना सिंह

'बोलती कहानियाँ' स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' की कहानी दो घड़े का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं ज्योत्सना सिंह की लघुकथा "भावनाओं का सम्बल" , जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 25 सेकण्ड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। लघुकथा भावनाओं का सम्बल का गद्य  'सेतु' द्वैभाषिक पत्रिका  पर उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानी, उपन्यास, नाटक, धारावाहिक, प्रहसन, झलकी, एकांकी, या लघुकथा को स्वर देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। ज्योत्सना सिंह : इंडिया वॉच चैनल, लखनऊ पुस्तक मेला, दिल्ली विश्व पुस्तक मेला, केकेसी डिग्री कॉलेज, आदि में काव्य पाठ। नवभारत टाइम्स, दैनिक जागरण, अमर उजाला, जन ख़बर लाइव आदि दैनिक पेपर में रचनायें प्रकाशित। हर सप्ताह यहीं पर सुनिए एक नयी कहानी "तुम भी अच्छे चक्कर में फँस गए हो दादा

सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' की लघुकथा 'दो घड़े'

'बोलती कहानियाँ' स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में उन्हीं की कहानी मैजस्टिक मूँछें का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं सूर्यकांत त्रिपाठी ' निराला '  की "दो घड़े" , जिसे स्वर दिया है  अनुराग शर्मा ने। कहानी का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 11 सेकण्ड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। निराला की कहानी दो-घड़े का गद्य हिंदी समय पर उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानी, उपन्यास, नाटक, धारावाहिक, प्रहसन, झलकी, एकांकी, या लघुकथा को स्वर देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' का जन्म वसंत पंचमी, 1896 को मेदिनीपुर (पश्चिम बंगाल) में हुआ था। उनका रचनाकर्म गीत, कविता, कहानी, उपन्यास, अनुवाद, निबंध आदि विधाओं में प्रकाशित हुआ। उनका देहांत 15 अक्टूबर 1961 को इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) में हुआ। हर सप्ताह यहीं पर सुनिए एक नयी कहानी "न

मैजस्टिक मूँछें - सलिल वर्मा, उषा छाबड़ा, अनुराग शर्मा

'बोलती कहानियाँ' स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में विष्णु प्रभाकर की कहानी रोटी या पाप का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं अनुराग शर्मा की "मैजस्टिक मूँछें" , जिसको स्वर दिया है सलिल वर्मा , उषा छाबड़ा , और  अनुराग शर्मा ने। कहानी का कुल प्रसारण समय 19 मिनट 45 सेकण्ड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। अनुराग शर्मा की कहानी मैजेस्टिक मूँछें का गद्य 'बर्ग वार्ता' पर उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानी, उपन्यास, नाटक, धारावाहिक, प्रहसन, झलकी, एकांकी, या लघुकथा को स्वर देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। शक्ति के बिना धैर्य ऐसे ही है जैसे बिना बत्ती के मोमबत्ती। ~  अनुराग शर्मा  (पिट्सबर्ग) हर सप्ताह यहीं पर सुनिए एक नयी कहानी "तुम जबसे गयीं, निपट अकेला हूँ। वही शनिवार, वही तीसरा पहर, वही अड्डा, वही बेंच, वही आवाज़ें।" ( अनुराग शर्मा की " मैजस्टिक मूँछें " से

रोटी या पाप: विष्णु प्रभाकर

'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में दूधनाथ सिंह की कहानी सरहपाद का निर्गमन का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं विष्णु प्रभाकर की "रोटी या पाप" , जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 33 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानी, उपन्यास, नाटक, धारावाहिक, प्रहसन, झलकी, एकांकी, या लघुकथा को स्वर देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। मेरे जीने के लिए सौ की उमर छोटी है ~ विष्णु प्रभाकर (12 जून 1912 - 11 अप्रैल 2009) हर सप्ताह यहीं पर सुनिए एक नयी कहानी "सेठ शांतिलाल की मोटर वहाँ आकर रुक चुकी थी।" ( विष्णु प्रभाकर की " रोटी या पाप " से एक अंश ) नीचे के प्लेयर से सुनें. (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।) यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा र

सरहपाद का निर्गमन: दूधनाथ सिंह

इस लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम आपको सुनवाते रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछली बार आपने सलिल वर्मा के स्वर में गिरिजेश राव की कहानी डेट सुनी थी। 11 जनवरी 2018, गुरुवार की रात को हिंदी के वरिष्ठ कथाकार, कवि व आलोचक दूधनाथ सिंह का 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया। स्वर्गीय दूधनाथ सिंह लगभग एक वर्ष से प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित थे और उन्हें चार जनवरी को तबीयत बिगड़ने पर इलाहाबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। प्रसिद्ध साहित्यकार दूधनाथ सिंह जी को विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं उनकी एक कहानी सरहपाद का निर्गमन  जिसे स्वर दिया है  अनुराग शर्मा ने। प्रस्तुत कथा का गद्य " हिंदी समय " पर उपलब्ध है। " सरहपाद का निर्गमन " का कुल प्रसारण समय 6 मिनट, 1 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplayb

बोलती कहानियाँ: डेट

इस लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम आपको सुनवाते रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछली बार आपने समीर गोस्वामी के स्वर में मुंशी प्रेमचंद की कहानी नेउर सुनी थी। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं गिरिजेश राव की एक अलग सी कहानी डेट जिसे स्वर दिया है सलिल वर्मा ने। हिन्दी एवं अंग्रेज़ी में गद्य और पद्य में लिखने वाले गिरिजेश राव की इस कहानी डेट से पहले भी उनकी कई कहानियाँ आप रेडियो प्लेबैक इंडिया पर पहले भी सुन चुके हैं, जिनके लिंक निम्न हैं: सुजान साँप एक सुख ऐसा भी दूसरा कमरा मुक्ति गुम्मी भूख राजू के नाम एक पत्र श्राप ढेला पत्ता गेट प्रस्तुत कथा का गद्य " एक आलसी का चिट्ठा " पर उपलब्ध है। " डेट " का कुल प्रसारण समय 17 मिनट, 6 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। काशी क

ऑडियो: मुंशी प्रेमचंद की 'नेउर'

इस लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम आपको सुनवाते रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछली बार आपने मुंशी प्रेमचंद की एक भावमय कहानी शूद्रा समीर गोस्वामी के स्वर में सुनी थी। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं मुंशी प्रेमचंद की एक भावमय कथा नेउर जिसे स्वर दिया है समीर गोस्वामी ने। एक शताब्दी से हिन्दी (एवं उर्दू) साहित्य जगत में मुंशी प्रेमचंद का नाम एक सूर्य की तरह चमक रहा है। विशेषकर, ज़मीन से जुड़े एक कथाकार के रूप में उनकी अलग ही पहचान है। उनके पात्रों और कथाओं का क्षेत्र काफी विस्तृत है फिर भी उनकी अनेक कथाएँ भारत के ग्रामीण मानस का चित्रण करती हैं। उनका वास्तविक नाम धनपत राय श्रीवास्तव था। वे उर्दू में नवाब राय और हिन्दी में प्रेमचंद के नाम से लिखते रहे। आम आदमी की बेबसी हो या हृदयहीनों की अय्याशी, बचपन का आनंद हो या बुढ़ापे की जरावस्था, उनकी कहानियों में सभी अवस्थाएँ मिलेंगी और सभी भाव भी। उनकी कहानियों पर फिल्में भी बनी हैं और अनेक रेडियो व टीवी कार्यक्रम भी। उनकी पहली हिन्दी कहानी सरस्वती पत्रिका के दिसंबर 1915 के अंक में "सौत" शीर्षक से प

प्रेमचंद की कहानी "शूद्रा"

इस लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम आपको सुनवाते रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा की कहानी यारी है ईमान उन्हीं के स्वर में सुनी थी। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं मुंशी प्रेमचंद की एक भावमय कथा शूद्रा जिसे स्वर दिया है समीर गोस्वामी ने। प्रवासी विमर्श से बहुत पहले लिखी गयी इस कथा में गोरे व्यापारियों द्वारा बहला फुसलाकर मॉरिशस ले जाये गये गिरमिटिया श्रमिकों का एक हृदयस्पर्शी चित्रण है। एक शताब्दी से हिन्दी (एवं उर्दू) साहित्य जगत में मुंशी प्रेमचंद का नाम एक सूर्य की तरह चमक रहा है। विशेषकर, ज़मीन से जुड़े एक कथाकार के रूप में उनकी अलग ही पहचान है। उनके पात्रों और कथाओं का क्षेत्र काफी विस्तृत है फिर भी उनकी अनेक कथाएँ भारत के ग्रामीण मानस का चित्रण करती हैं। उनका वास्तविक नाम धनपत राय श्रीवास्तव था। वे उर्दू में नवाब राय और हिन्दी में प्रेमचंद के नाम से लिखते रहे। आम आदमी की बेबसी हो या हृदयहीनों की अय्याशी, बचपन का आनंद हो या बुढ़ापे की जरावस्था, उनकी कहानियों में सभी अवस्थाएँ मिलेंगी और सभी भाव भी। उनकी कहानियों पर फिल्म

यारी है ईमान - अनुराग शर्मा

'बोलती कहानियाँ' स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको नई-पुरानी, प्रसिद्ध-अल्पज्ञात, मौलिक-अनूदित, हर प्रकार की हिंदी कहानियाँ सुनवाते रहे हैं। पिछले सप्ताह आपने उषा छाबड़ा की आवाज़ में उन्हीं की बालकथा " खेल " का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं अनुराग शर्मा की लघुकथा " यारी है ईमान ", उन्हीं के स्वर में। इस बालकथा का टेक्स्ट अनुराग शर्मा के ब्लॉग बर्ग वार्ता पर उपलब्ध है। इस कथा का कुल प्रसारण समय 6 मिनट 29 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। संजो के रक्खो इसे हाथ से न जाने दो बात निकलेगी तो बेकार चली जायेगी  ~ अनुराग शर्मा हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी "कितनी ही यादें जुड़ी हैं उस रहस्यमयी दुनिया से जो तब बन ही रही थी। जंगली फूलों की नशीली गंध से सराबोर पथरीली च

बोलती कहानियाँ: खेल (ऑडियो)

'बोलती कहानियाँ' स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको नई-पुरानी, प्रसिद्ध-अल्पज्ञात, मौलिक-अनूदित, हर प्रकार की हिंदी कहानियाँ सुनवाते रहे हैं। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में सुदर्शन रत्नाकर की लघुकथा " विश्वसनीय " का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं उषा छाबड़ा की बालकथा " खेल ", उन्हीं के स्वर में। इस बालकथा का टेक्स्ट उनके ब्लॉग अनोखी पाठशाला पर उपलब्ध है। इस बालकथा का कुल प्रसारण समय 3 मिनट 8 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। इंसानियत की मशाल सब मिलकर उठाएँ जश्न मानवता का एक जुट हों मनाएँ चलो सब एक हो नया गीत गुनगुनाएँ प्रेम के संदेश को जन जन में फैलाएँ ~ उषा छाबड़ा हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी कहानी "बड़ी हुई तो क्या हुआ। मैं तो उससे बात भी नहीं करूंगा।"

सुदर्शन रत्नाकर की लघुकथा विश्वसनीय

'बोलती कहानियाँ' स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको नई-पुरानी, प्रसिद्ध-अल्पज्ञात, मौलिक-अनूदित, हर प्रकार की हिंदी कहानियाँ सुनवाते रहे हैं। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में कविता वर्मा की लघुकथा " अहसास " का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं सुदर्शन रत्नाकर की लघुकथा " विश्वसनीय ", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। इस कहानी का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 53 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। लघुकथा का गद्य ' सेतु पत्रिका ' पर उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। सुदर्शन रत्नाकर अनेक साहित्यक संस्थानों द्वारा पुरस्कृत एवं सम्मानित। हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा वर्ष 2013-14 का 'श्रेष्ठ महिला रचनाकार' का पुरस्कार। केन्द्रीय विद्यालय संगठन द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित। हरियाणा साहित्य

अहसास: कविता वर्मा की लघुकथा

'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में विश्व प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार अभिमन्यु अनत की कथा " रंग " का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं कविता वर्मा की लघुकथा " अहसास ", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। इस कहानी का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 12 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। लघुकथा का गद्य ' सेतु पत्रिका ' पर उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। कविता वर्मा कहानी संग्रह 'परछाइयों के उजाले ' को अखिल भारतीय साहित्य परिषद् राजस्थान से सरोजिनी कुलश्रेष्ठ कहानी संग्रह का प्रथम पुरस्कार मिला। सेतु, नई दुनिया, दैनिक भास्कर पत्रिका, डेली न्यूज़, गर्भनाल, पत्रिका, समाज कल्याण में कई लेख लघुकथा और कहानियों का प्रकाशन। कादम्

अभिमन्यु अनत की लघुकथा 'रंग'

इस लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम आपको सुनवाते रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में कुणाल शर्मा की लघुकथा निशक्त घुटने का पाठ सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं विश्व प्रसिद्ध साहित्यकार श्री अभिमन्यु अनत की एक लघुकथा रंग जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। "रंग" का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 35 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। भारतीय साहित्य अकादमी के मानद महत्तर सदस्य (ऑनरेरी फ़ैलो) श्री अभिमन्यु अनत मॉरिशस के प्रसिद्ध साहित्यकार और चित्रकार हैं। वे कविता, उपन्यास, निबंध, नाटक आदि विधाओं के लिये प्रसिद्ध हैं। अनत जी का जन्म 9 अगस्त 1937 को हुआ था। अभिमन्यु अनत का साहित्य अनेक विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में सम्मलित है। भारत और मॉरिशस में उन पर अनेक

निशक्त घुटने (लघुकथा) - कुणाल शर्मा

इस लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम आपको सुनवाते रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछली बार 31 जुलाई को मुंशी प्रेमचंद के जन्मदिन के अवसर पर आपने  अनुराग शर्मा  के स्वर में मुंशी प्रेमचंद  की भावमय कथा  राष्ट्र का सेवक  का पाठ सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं युवा लेखक कुणाल शर्मा की एक लघुकथा  निशक्त घुटने  जिसे स्वर दिया है  अनुराग शर्मा ने। प्रस्तुत कथा का गद्य " सेतु द्वैभाषिक पत्रिका " पर उपलब्ध है। "निशक्त घुटने" का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 56 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। 27 अप्रैल 1981 को अम्बाला (हरियाणा) में जन्मे कुणाल शर्मा कहानी, लघुकथा, तथा कविताएँ लिखते हैं। एम. ए. (अंग्रेजी) बी.एड शिक्षित कुणाल आजकल एक सरकारी विद्यालय में प्राध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। ह

राष्ट्र का सेवक: मुंशी प्रेमचंद

इस लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछली बार आपने  अनुराग शर्मा  के स्वर में राधेश्याम भारतीय  की लघुकथा  मुआवज़ा  का पाठ सुना था। 31 जुलाई को मुंशी प्रेमचंद के जन्मदिन के अवसर पर आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं उन्हीं की एक भावमय कथा राष्ट्र का सेवक  जिसे स्वर दिया है  अनुराग शर्मा ने। एक शताब्दी से हिन्दी (एवं उर्दू) साहित्य जगत में मुंशी प्रेमचंद का नाम एक सूर्य की तरह चमक रहा है। विशेषकर, ज़मीन से जुड़े एक कथाकार के रूप में उनकी अलग ही पहचान है। उनके पात्रों और कथाओं का क्षेत्र काफी विस्तृत है फिर भी उनकी अनेक कथाएँ भारत के ग्रामीण मानस का चित्रण करती हैं। उनका वास्तविक नाम धनपत राय श्रीवास्तव था। वे उर्दू में नवाब राय और हिन्दी में प्रेमचंद के नाम से लिखते रहे। आम आदमी की बेबसी हो या हृदयहीनों की अय्याशी, बचपन का आनंद हो या बुढ़ापे की जरावस्था, उनकी कहानियों में सभी अवस्थाएँ मिलेंगी और सभी भाव भी। उनकी कहानियों पर फिल्में भी बनी हैं और अनेक रेडियो व टीवी कार्यक्रम भी। उनकी पहली हिन्दी कहानी स

राधेश्याम भारतीय की लघुकथा "मुआवज़ा"

'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने  अर्चना चावजी की आवाज़ में हिंदी साहित्यकार भीष्म साहनी की कथा " दो गौरय्या " का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं राधेश्याम भारतीय की लघुकथा " मुआवज़ा ", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। इस कहानी का कुल प्रसारण समय 1 मिनट 42 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। लघुकथा का गद्य ' सेतु पत्रिका ' पर उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। राधेश्याम भारतीय जन्म: 15.07.1974; हसनपुर, करनाल शिक्षा: एम.ए हिंदी, एम.फिल, पीएच.डी सम्पर्क: नसीब विहार कालोनी, घरौंडा, करनाल-132114 ईमेल: rbhartiya74@gmail.com हर सप्ताह "बोलती कहानियाँ" पर सुनें एक नयी कहानी “साब जी, हमें भी कुछ मुआवजा दे दीजिए!” ( राधेश्याम भ