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Showing posts with the label अनुराग शर्मा

मधुदीप गुप्ता की लघुकथा - मज़हब

लोकप्रिय स्तम्भ " बोलती कहानियाँ " के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। इस शृंखला में पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में (स्वर्गीय) डॉ. सतीश दुबे की लघुकथा श्रद्धांजलि का वाचन सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं मधुदीप गुप्ता की लघुकथा मज़हब , जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। प्रस्तुत अंश का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 51 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। लेखक: मधुदीप गुप्ता जन्म: 1-5-1950; दुजाना (हरियाणा) सम्प्रति: निदेशक, दिशा प्रकाशन लघुकथा शृंखला ‘पड़ाव और पड़ताल’ के 20 खण्डों के सम्पादन/संयोजन हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी हाँ बाबा, आप सोजुद्दीन हैं।  (मधुदीप गुप्ता की लघुकथा 'मज़हब&

डॉ. सतीश दुबे की लघुकथा श्रद्धांजलि ऑडियो

लोकप्रिय स्तम्भ " बोलती कहानियाँ " के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। इस शृंखला में पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में  राम निवास बाँयला  की लघुकथा  पवित्रता का वाचन सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं (स्वर्गीय) डॉ. सतीश दुबे की लघुकथा श्रद्धांजलि,  जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। प्रस्तुत अंश का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 56 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। इस लघुकथा का गद्य अंतर्राष्ट्रीय द्वैभाषिक पत्रिका सेतु पर उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। हिंदी लघुकथा के पुरोधा डॉ. सतीश दुबे का जन्म 12 नवम्बर 1940 को हुआ था।  उनके आठ लघुकथा संग्रह, छह कथा संग्रह और दो उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं। उनके उपन्यास डेरा-बस्ती का सफ़रनामा पर एक फ़

राम निवास बाँयला की लघुकथा पवित्रता

लोकप्रिय स्तम्भ " बोलती कहानियाँ " के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। इस शृंखला में पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में प्रसिद्ध लेखक और पत्रकार युगल की लघुकथा  पेट का कछुआ का वाचन सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं  राम निवास बाँयला की लघुकथा पवित्रता जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। प्रस्तुत अंश का कुल प्रसारण समय 1 मिनट 56 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। इस लघुकथा का गद्य अंतर्राष्ट्रीय द्वैभाषिक पत्रिका सेतु पर उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। “प्रस्तुत लघुकथा के लेखक श्री राम निवास बाँयला जिला सीकर, राजस्थान निवासी हैं। उनकी दो पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। वे केंद्रीय विद्यालय में शिक्षक हैं। हर सप्ताह यहीं पर सुनें ए

युगल की लघुकथा पेट का कछुआ

लोकप्रिय स्तम्भ " बोलती कहानियाँ " के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। इस शृंखला में पिछली बार आपने  पूजा अनिल  के स्वर में रश्मि रविजा के उपन्यास काँच के शामियाने के एक अंश का वाचन सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं प्रसिद्ध लेखक और पत्रकार युगल की लघुकथा   पेट का कछुआ  जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। प्रस्तुत अंश का कुल प्रसारण समय 4 मिनट 33 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। इस लघुकथा का गद्य अंतर्राष्ट्रीय द्वैभाषिक पत्रिका सेतु पर उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। “17 अक्टूबर 1925 को जन्मे लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकार, कथाकार सह वयोवृद्ध पत्रकार श्री युगल लघुकथा के विधागत गठन के प्रमुख सर्जकों में शामिल हैं। उनके तीन उपन्यास, तीन कहानी सं

अजय नावरिया की कहानी इतिहास

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में अशोक भाटिया की लघुकथा " पापा जब बच्चे थे " का वाचन सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं, अजय नावरिया की मननशील कथा इतिहास , अनुराग शर्मा के स्वर में। सामाजिक पुनर्गठन से गुज़रते एक वैविध्यपूर्ण समाज की उलझनों को सुलझाते हुए एक आधुनिक परिवार और उनके मित्रों के सम्वाद के माध्यम से अजय ने वर्तमान भारतीय परिदृश्य का बहुत सुंदर चित्रण किया है। इस कहानी इतिहास का मूल गद्य द्वैभाषिक मासिक पत्रिका सेतु पर उपलब्ध है। कथा का कुल प्रसारण समय 25 मिनट 23 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। 6 जून 1972 को दिल्ली में

पापा जब बच्चे थे - अशोक भाटिया

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में सौरभ शर्मा की मार्मिक कथा " नदी, जो झील बन गई " का वाचन सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं, अशोक भाटिया की लघुकथा पापा जब बच्चे थे , अनुराग शर्मा के स्वर में। पुनर्जन्म लेते एक नगर की मार्मिक कथा को दो मित्रों के पत्राचार के माध्यम से सौरभ ने बहुत खूबसूरती से प्रस्तुत किया है। इस लघुकथा पापा जब बच्चे थे का मूल गद्य द्वैभाषिक मासिक पत्रिका सेतु पर उपलब्ध है। लघुकथा का कुल प्रसारण समय 3 मिनट 54 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। अम्बाला छावनी में जन्मे अशोक भाटिया की मुख्य कृतियाँ: जंगल में आदमी, अँध

नदी जो झील बन गई - सौरभ शर्मा

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने उषा छाबड़ा के स्वर में उन्हीं की मार्मिक कथा " अम्मा " का पाठ सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं, सौरभ शर्मा की कथा नदी जो झील बन गई , अनुराग शर्मा के स्वर में। पुनर्जन्म लेते एक नगर की मार्मिक कथा को दो मित्रों के पत्राचार के माध्यम से सौरभ ने बहुत खूबसूरती से प्रस्तुत किया है। रायपुर (छत्तीसगढ) निवासी सौरभ शर्मा साहित्यिक अभिरुचि वाले एक युवा पत्रकार हैं। आज के समय में उनके जैसे सरल और सच्चे लोग आम नहीं होते हैं। आप उनसे उनके ब्लॉग मैं और मेरा परिवेश पर मिल सकते हैं। इस कहानी नदी जो बन गई झील का गद्य सेतु मासिक पत्रिका पर पढा जा सकता है। कहानी का कुल प्रसारण समय 18 मिनट 34 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं

संतोष त्रिवेदी का व्यंग्य कूड़ा

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने उषा छाबड़ा के स्वर में उन्हीं की शिक्षाप्रद लघुकथा " स्वेटर " का पाठ सुना था। आज अनुराग शर्मा  के स्वर में हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं, संतोष त्रिवेदी का व्यंग्य  कूड़ा । हिन्दी के स्थापित साहित्यकार संतोष त्रिवेदी साहित्यिक अभिरुचि वाले अध्यापक हैं। वे लम्बे समय से दिल्ली में अध्यापन कार्य के साथ-साथ स्वतंत्र लेखन में संलग्न हैं। इस कहानी कूड़ा का कुल प्रसारण समय 3 मिनट 29 सेकंड है। इस कहानी "कूड़ा" का गद्य फेसबुक पर उपलब्ध है. सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। अब के बरस उनका यही फरमान है, इंसान बस लूटा हुआ सामान है। ~ संतोष त्रिव

सलिल वर्मा की लघुकथा "बेटी पढ़ाओ"

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में काजल कुमार की लघुकथा " आढ़तिया " का पाठ सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं सलिल वर्मा के व्यक्तिगत अनुभव पर आधारित लघुकथा बेटी पढ़ाओ , जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। इस कहानी  बेटी पढ़ाओ  का कुल प्रसारण समय 1 मिनट 52 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। ज़मीन से जुड़े कवि, कथाकार और व्यंग्यकार सलिल वर्मा एक राष्ट्रीयकृत बैंक में उच्चाधिकारी हैं। वे आजकल भावनगर, गुजरात में रहते हैं। आप उनसे उनके हिन्दी ब्लॉग " चला बिहारी ब्लॉगर बनने " पर मिल सकते हैं। हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहा

काजल कुमार की लघुकथा आढ़तिया

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में उषा छाबड़ा की लघुकथा " बचपन का भोलापन " का पाठ सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं काजल कुमार लिखित लघुकथा आढ़तिया , जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। इस कहानी आढ़तिया का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 45 सेकंड है। इसका गद्य कथा-कहानी ब्लॉग पर उपलब्ध है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। कवि, कथाकार और कार्टूनिस्ट काजल कुमार के बनाए चरित्र तो आपने देखे ही हैं। उनकी व्यंग्यात्मक लघुकथायेँ " समय ", " एक था गधा ", " ड्राइवर ", " लोकतनतर ", और कुत्ता आप पहले सुन चुके हैं। काजल कुमार

अनुराग शर्मा की लघुकथा खिलखिलाहट

रेडियो प्लेबैक इंडिया के साप्ताहिक स्तम्भ 'बोलती कहानियाँ' के अंतर्गत हम आपको सुनवाते हैं हिन्दी की नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में हिन्दी के प्रसिद्ध लेखक असगर वजाहत की लघुकथा " चार सूफी और एक कंबल " का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं अनुराग शर्मा की एक लघुकथा " खिलखिलाहट ", उन्हीं के स्वर में। कहानी "खिलखिलाहट" एक दादा-दादी के वार्तालाप पर आधारित है। इसका कुल प्रसारण समय 1 मिनट 7 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। इस कथा "खिलखिलाहट" का टेक्स्ट बर्ग वार्ता पर उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। मैं भारत से बाहर भारत मुझ में रहता है मेरी सब सीमाएं राष्ट्र असीमित सहता है ~ अनुराग शर्मा हर सप्त

सर्व शिक्षा अभियान - असित कुमार मिश्र

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अर्चना चावजी के स्वर में सौरभ चतुर्वेदी की हृदयस्पर्शी कथा " रुद्राभिषेक " का पाठ सुना था। आज हम आपका परिचय एक नए और प्रतिभाशाली उदीयमान लेखक से करा रहे हैं। आज आपकी सेवा में प्रस्तुत है, उत्तर प्रदेश के सर्व शिक्षा अभियान की कलाई खोलती   असित कुमार मिश्र लिखित मर्मस्पर्शी कथा सर्व शिक्षा अभियान , अनुराग शर्मा के स्वर में। इस कहानी सर्व शिक्षा अभियान का कुल प्रसारण समय 7 मिनट 39 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। हम सभी जीवन रुपी पाठशाला के विद्यार्थी हैं । जीवन भर पढ़ना है, लेकिन बंधना कहीं नहीं है। हमेशा तैयार रहना है, नए को आत्मसात करने

शाहिद अजनबी की लघुकथा माँ तो सबकी एक-जैसी होती है

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में गिरिजेश राव की लघुकथा " मुक्ति " का वाचन सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं शाहिद मंसूर "अजनबी" की लघुकथा माँ तो सबकी एक-जैसी होती है , जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। इस कहानी का गद्य सुख़नफ़हम ब्लॉग पर पढ़ा जा सकता है। इस कहानी का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 15 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। लफ़्ज़ों को तोड़ता हूँ, रदीफ़-काफिया जोड़ता हूँ यूँ समझो दिल की उलझन को, काग़ज़ पे उतारता हूँ  ~  शाहिद मंसूर "अजनबी" हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी "माँ का खत पढ़ने से

गिरिजेश राव लिखित लघुकथा मुक्ति

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में अनुराग शर्मा की लघुकथा " व्यवस्था " का पाठ सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं गिरिजेश राव लिखित लघुकथा मुक्ति , जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। बोलती कहानियाँ के पाठकों के लिए गिरिजेश राव का नाम नया नहीं है। उनकी कुछ अन्य रोचक कथाओं कों यहाँ सुना जा सकता है। इस कहानी मुक्ति का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 7 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। प्रतिमाओं को गढ़ा जाता है उस अनुभव को मूर्त करने के लिये, मूर्ति इसीलिये कहते हैं। सूक्ष्म स्तर तक सभी नहीं जा सकते इसलिये स्थूल विग्रह का आधार दिया जाता है कि उसी बह

अनुराग शर्मा की लघुकथा व्यवस्था

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में दीपक मशाल की लघुकथा " परछाईं " का पाठ सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं अनुराग शर्मा लिखित लघुकथा व्यवस्था , जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। प्रस्तुत लघुकथा " व्यवस्था " का गद्य बर्ग वार्ता ब्लॉग पर पढ़ा जा सकता है। इस कहानी का कुल प्रसारण समय 4 मिनट 25 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। हर इक ईंट में बसी है एक याद मेरी ज़िंदगी गिरती दीवार सी है  ~ अनुराग शर्मा हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी "... और पढने की मेज़? राम, राम! हर आकार के बीसियों कागज़ जिनपर तरह-तरह के

दीपक मशाल की लघुकथा परछाईं

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा के स्वर में अनुराग शर्मा की ही लघुकथा " गुरु " का पाठ सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं विश्व हिन्दी सचिवालय द्वारा प्रथम स्थान से पुरस्कृत दीपक मशाल लिखित लघुकथा परछाईं , जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। प्रस्तुत लघुकथा "परछाईं" का कुल प्रसारण समय 4 मिनट 9 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। कुछ बड़े लोगों से मिला था कभी, तबसे कोई बड़ा नहीं लगता इतनी बौनी है दुनिया कि कोई, खड़ा हुआ भी खड़ा नहीं लगता  ~ दीपक मशाल हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी "अजी अगर हर जिलाधिकारी आप जैसा हो तो

अनुराग शर्मा की लघुकथा गुरु का ऑडियो

इस लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा के स्वर में अनुराग शर्मा की प्रवासी कहानी " कंजूस मक्खीचूस " का पाठ सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं अनुराग शर्मा की ही एक अन्य लघुकथा,  गुरु जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। प्रस्तुत लघुकथा "गुरु" का गद्य " बर्ग वार्ता ब्लॉग " पर उपलब्ध है। " गुरु " का कुल प्रसारण समय 3 मिनट 56 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। प्रश्न कठिन हो जाते हैं, हर उत्तर पे इतराते हैं मैं चिंता में घुल जाता हूँ, चलूँ तो पथ डिग जाते हैं।  ~ अनुराग शर्मा हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कह

कंजूस मक्खीचूस - लघुकथा

इस लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा के स्वर में घुघूती बासूती की मार्मिक कहानी " क्या अगले साल " का पाठ सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं अनुराग शर्मा की एक लघुकथा कंजूस मक्खीचूस जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। प्रस्तुत कथा "कंजूस मक्खीचूस" का गद्य " बर्ग वार्ता ब्लॉग " पर उपलब्ध है। " कंजूस मक्खीचूस " का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 27 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। प्रश्न कठिन हो जाते हैं, हर उत्तर पे इतराते हैं मैं चिंता में घुल जाता हूँ, चलूँ तो पथ डिग जाते हैं।  ~ अनुराग शर्मा हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी "दो मिनट की बातचीत में ही इतन

घुघूती बासूती की कहानी क्या अगले साल

इस साप्ताहिक स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको हिन्दी में मौलिक और अनूदित, नई और पुरानी, प्रसिद्ध कहानियाँ और छिपी हुई रोचक खोजें सुनवाते रहे हैं। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में वरुण कुमार जायसवाल की छोटी सी लेकिन मर्मस्पर्शी कथा " लाज " का पाठ सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं घुघूती बासूती की हृदयस्पर्शी संस्मरणात्मक कथा क्या अगले साल जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। " क्या अगले साल " का गद्य घुघूती बासूती ब्लॉग पर उपलब्ध है। उनका व्यंग्य "ओह" हम आपको पहले सुना चुके हैं। कहानी "क्या अगले साल" का कुल प्रसारण समय 3 मिनट 39 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। संसार में कुछ अंतिम कुछ प्रथम नहीं होता। संसार एक तरह का मेरी गो राउंड

वरुण कुमार जायसवाल की कथा लाज

इस साप्ताहिक स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको हिन्दी में मौलिक और अनूदित, नई और पुरानी, प्रसिद्ध कहानियाँ और छिपी हुई रोचक खोजें सुनवाते रहे हैं। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में विनय के. जोशी की लघुकथा " ईमानदार " का पाठ सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं वरुण कुमार जायसवाल की छोटी सी लेकिन मर्मस्पर्शी कथा लाज जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी "लाज" का कुल प्रसारण समय 4 मिनट 36 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। वर्तमान राजनीति में सबसे बड़ी कमी आदर्शवाद को व्यावहारिक पहलू में ढाल पाने की क्षमता का अभाव है। ~  वरुण कुमार जायसवाल हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी "एक मदरसे में पढ़ाने वाले शिक्षक के लिए ये रकम बड़ी तो थी ही फिर भी