tag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post890120678389802174..comments2024-03-28T11:13:07.608+05:30Comments on रेडियो प्लेबैक इंडिया: फैली हुई है सपनों की बाहें...साहिर के शब्द और बर्मन दा की धुन का न्योता है, चले आईये...Sajeevhttp://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-7112344242819386732009-11-01T18:35:19.609+05:302009-11-01T18:35:19.609+05:30This post has been removed by the author.This post has been removed by the author.शरद तैलंगhttp://www.blogger.com/profile/07021627169463230364noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-11673894962329950782009-11-01T18:37:49.137+05:302009-11-01T18:37:49.137+05:30ये दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या हैफ़िल्म प्यासाये दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है<br>फ़िल्म प्यासाशरद तैलंगhttp://www.blogger.com/profile/07021627169463230364noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-2082475660125793232009-11-01T18:48:58.722+05:302009-11-01T18:48:58.722+05:30ये महलों, ये तख्तों, ये ताजों की दुनियाये इन्सां क...ये महलों, ये तख्तों, ये ताजों की दुनिया<br>ये इन्सां के दुश्मन समाजों की दुनिया<br>ये दौलत के भूखे रिवाजों की दुनिया<br>ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है ।<br><br>हर इक जिस्म घायल, हर इक रूह प्यासी<br>निगाहों में उलझन, दिलों में उदासी<br>ये दुनिया है या आलम-ए-बदहवासी<br>ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है ।<br><br>यहाँ इक खिलौना है इन्साँ की हस्ती<br>ये बस्ती है मुर्दा परस्तों की बस्ती<br>यहाँ शरद तैलंगhttp://www.blogger.com/profile/07021627169463230364noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-23114235506883113542009-11-01T19:50:53.651+05:302009-11-01T19:50:53.651+05:30शरद जी ने तो उत्तर दे ही दिया है. वाकई 'यह दुन...शरद जी ने तो उत्तर दे ही दिया है. वाकई 'यह दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है ' एक क्लासिक कालजयी रचना है. इसे सुन कर हमेशा मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं (goose bumps).<br>अवध लालAVADHhttp://www.blogger.com/profile/10249724769054535628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-90004315890874321782009-11-01T20:09:12.203+05:302009-11-01T20:09:12.203+05:30सुजॉय दा,मैं यह समझ सकता हूँ कि साहिर - सचिन दा की...सुजॉय दा,<br>मैं यह समझ सकता हूँ कि साहिर - सचिन दा की जोड़ी के इतने उत्कृष्ट गीतों में से आपको यह सबसे पसंदीदा गाना क्यों लगता है. वाकई लता दीदी के स्वर माधुर्य का क्या कहना. ऐसा लगता है कानों में शहद घुलता जा रहा है.<br>क्या बात है सचिन दा और साहिर का लाजवाब संगम. एक से बढ़ कर एक नायाब नग्मे. और उनमें से दस मोती की माला आपने पिरो दी. <br>मुझे यह स्वीकारना है कि मैं गीत को बिना दो सुने रह ही नAVADHhttp://www.blogger.com/profile/10249724769054535628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-15212724535321093532009-11-01T20:10:31.767+05:302009-11-01T20:10:31.767+05:30सुजॉय दा,मैं यह समझ सकता हूँ कि साहिर - सचिन दा की...सुजॉय दा,<br>मैं यह समझ सकता हूँ कि साहिर - सचिन दा की जोड़ी के इतने उत्कृष्ट गीतों में से आपको यह सबसे पसंदीदा गाना क्यों लगता है. वाकई लता दीदी के स्वर माधुर्य का क्या कहना. ऐसा लगता है कानों में शहद घुलता जा रहा है.<br>क्या बात है सचिन दा और साहिर का लाजवाब संगम. एक से बढ़ कर एक नायाब नग्मे. और उनमें से दस मोती की माला आपने पिरो दी. <br>मुझे यह स्वीकारना है कि मैं गीत को बिना दो बार सुने रह AVADHhttp://www.blogger.com/profile/10249724769054535628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-90017222075108374592009-11-01T20:53:32.754+05:302009-11-01T20:53:32.754+05:30बहुत खुबसूरत गीत.बहुत खुबसूरत गीत.Shamikh Farazhttp://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-21979976981183846802009-11-01T21:13:35.322+05:302009-11-01T21:13:35.322+05:30फ़ैली हुई है....ये गीत सुरीलेपन जी इंतेहां है.बडे ...फ़ैली हुई है....<br><br>ये गीत सुरीलेपन जी इंतेहां है.बडे सुकून के साथ इसके सुर सजाये हैं सचिन दा नें.<br><br>मेरी स्वरांजली सुन मेरे बंधु रे के लिये धन्यवाद...दिलीप कवठेकरhttp://www.blogger.com/profile/16914401637974138889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-42684763884215422712009-11-01T21:27:34.021+05:302009-11-01T21:27:34.021+05:30बहुत ही सुन्दर गीत एक के बाद एक आ रहे है. शरद जी क...बहुत ही सुन्दर गीत एक के बाद एक आ रहे है. शरद जी को बधाई. अब जब २५० एपिसोड हो चुके है, और ३०० के बाद अंकोंकी गिनती फिरसे शुरू होगी तब हम जो भी थोड़े बहुत अंक इकठ्ठा करेंगे वह तो शून्य बन जायेंगे. इसका क्या इलाज़ है सुजॉय जी ?<br><br>परागParaghttp://www.blogger.com/profile/00572142944650778157noreply@blogger.com