tag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post4443960152578973987..comments2024-03-28T11:13:07.608+05:30Comments on रेडियो प्लेबैक इंडिया: मैं ये सोच कर उसके दर से उठा था...रफी साहब के गाये बहतरीन नज्मों में से एकSajeevhttp://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-6144585137572947602009-07-10T18:50:35.338+05:302009-07-10T18:50:35.338+05:30Zameen se hamein aasmaan par beethake gira to na d...Zameen se hamein aasmaan par beethake gira to na doge..film AdalatParaghttp://www.blogger.com/profile/00572142944650778157noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-84079341981963400722009-07-10T18:54:43.141+05:302009-07-10T18:54:43.141+05:30पराग जी का जवाब ही मेरा जवाबपराग जी का जवाब ही मेरा जवाबManju Guptahttp://www.blogger.com/profile/10464006263216607501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-35774731443245629532009-07-10T19:13:18.328+05:302009-07-10T19:13:18.328+05:30अब तो मुझे भी पराग जी के साथ ही जाना पडेगा ।’ऐ रात...अब तो मुझे भी पराग जी के साथ ही जाना पडेगा ।<br>’ऐ रात इस वक्त आँचल में तेरे जितने भी है ये सितारे । जो दे दे तू मुझको तो फिर मैं लुटा दूं किसी की नज़र पर ये सारे”शरद तैलंगhttp://www.blogger.com/profile/07021627169463230364noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-36489561250403541332009-07-10T22:24:39.388+05:302009-07-10T22:24:39.388+05:30sahi jawaab ..sahi jawaab ..manuhttp://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-48620161434890338732009-07-10T23:52:14.106+05:302009-07-10T23:52:14.106+05:30सही है जवाब और आप सभी महारथियों को प्रणाम जी हाँ म...सही है जवाब और आप सभी महारथियों को प्रणाम जी हाँ मुझे बहुत ही आनंद आरहा है संगीत के साथ सुंदर जानकारी के लिए आप का धन्यवाद <br>सादर <br>रचनाrachananoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-73587487012617971212009-07-11T00:15:45.289+05:302009-07-11T00:15:45.289+05:30जवाब के चक्कर में मूल गाने की पीडा और नैराश्य का स...जवाब के चक्कर में मूल गाने की पीडा और नैराश्य का स्थाई भाव कैसे भूल सकते है.<br><br>इस नज़्म नुमा गीत सुनने के बाद हर संवेदनशील व्यक्ति इसकी गहराई में डूब जाता है.<br><br>स्वरों में भी इस डूब के साथ गाना नीचे के सुरों से ही शुरु होता है, और बाद में जैसे जैसे पीडा का एहसास बढता जाता है, वैसे वैसे गाना उपर के सुरों में जाता है, और एक जगह अपने चरम सीमा पर पहुचता है.(ना आवाज़ ही दी...)<br><br>फ़िर एकदम दिलीप कवठेकरhttp://www.blogger.com/profile/16914401637974138889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-22940780642158726542009-07-11T00:15:45.288+05:302009-07-11T00:15:45.288+05:30ज़मी से हमे आसमा तक गीत भी इसी तरह एक अलग मूड को दि...ज़मी से हमे आसमा तक गीत भी इसी तरह एक अलग मूड को दिखाता है, मेहसूस कराता है.दिलीप कवठेकरhttp://www.blogger.com/profile/16914401637974138889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-56646357002953941922009-07-11T00:22:36.206+05:302009-07-11T00:22:36.206+05:30कल रात को ही हम ये गीत गुनगुना रहे थे... मेरे सबसे...कल रात को ही हम ये गीत गुनगुना रहे थे... <br>मेरे सबसे पसंदीदा गानों में से एक...<br>मैं ये सोच कर उसके दर से उठा था... कि वो रोक लेगी....तपन शर्माhttp://www.hindyugm.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-40388474479696225772009-07-11T07:42:02.072+05:302009-07-11T07:42:02.072+05:30सही जवाब के लिए पराग जी को बधाई.सही जवाब के लिए पराग जी को बधाई.Shamikh Farazhttp://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-25934330030097535682009-07-13T02:05:11.161+05:302009-07-13T02:05:11.161+05:30सही जवाब के लिए बधाई !सही जवाब के लिए बधाई !Ambarish Srivastavahttp://www.blogger.com/profile/06514999274631808844noreply@blogger.com