tag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post4399539672694607387..comments2024-03-28T11:13:07.608+05:30Comments on रेडियो प्लेबैक इंडिया: महफ़िल-ए-ग़ज़ल की १००वीं कड़ी में जगजीत सिंह लेकर आए हैं राजेन्द्रनाथ रहबर की "तेरे खुशबू में बसे खत"Sajeevhttp://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-170457573971020432010-09-15T10:40:59.823+05:302010-09-15T10:40:59.823+05:30तन्हा जी,महफिले गजल का सफ़र तय करते हुए आज आप इसे ...तन्हा जी,<br><br>महफिले गजल का सफ़र तय करते हुए आज आप इसे इसकी सौंवी कड़ी तक ले आये हैं जिसकी बहुत मुबारक बाद.<br><br>लगता है कि इसकी खुशी में दी हुई गजल में गायब होने वाले शब्द को गायब करना भूल गए..या मेरी निगाहों का कसूर है...क्योंकि मुझे तो सूझ नहीं रहा है :) <br><br>शिकायत करने में बहुत मुश्किल हुई...माफ़ करियेगा...shannohttp://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-70282181239670066342010-09-15T10:44:31.458+05:302010-09-15T10:44:31.458+05:30afreen afreen.....waah kya ghazal chuni hai 100 vi...afreen afreen.....waah kya ghazal chuni hai 100 viin kadi ke liye, meri sabse sabse sabse pasandeeda ghazal. aur 100 episode....great vd....u r a winner....congrats to the whole team.....keep it up and keep going, shrotaaon se anurodh hai ki is ghazal ko suniyega jaroor.....aur rahbar sahabkii dusari ghazal bhi khoob lagi...kamaal kii post haiसजीव सारथीhttp://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-59457663407387654202010-09-15T10:44:31.457+05:302010-09-15T10:44:31.457+05:30afreen afreen.....waah kya ghazal chuni hai 100 vi...afreen afreen.....waah kya ghazal chuni hai 100 viin kadi ke liye, meri sabse sabse sabse pasandeeda ghazal. aur 100 episode....great vd....u r a winner....congrats to the whole team.....keep it up and keep going, shrotaaon se anurodh hai ki is ghazal ko suniyega jaroor.....aur rahbar sahabkii dusari ghazal bhi khoob lagi...kamaal kii post haiसजीव सारथीhttp://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-6973497105891739752010-09-15T12:05:11.711+05:302010-09-15T12:05:11.711+05:30शन्नो जी,हाँ गलती तो हो गई :)चलिए अब मैंने एक शब्द...शन्नो जी,<br>हाँ गलती तो हो गई :)<br><br>चलिए अब मैंने एक शब्द गायब कर दिया है.. वैसे अब तक सभी मित्रों ने वह शब्द देख हीं लिया होगा.. लेकिन कोई ग़म नहीं :) मज़ा शेर गायब करने में नहीं, गायब शेर पर लिखे हुए नए, ताज़ा-तरीन या फिर जानेमाने शायरों के नायाब शेर पढने में है। इसलिए अब आप शुरू हो जाईये। और लिख भेजिए अपने स्वरचित शेर.. हम तैयार हैं पढने के लिए।<br><br>धन्यवाद,<br>विश्व दीपकविश्व दीपकhttp://www.blogger.com/profile/10276082553907088514noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-76493248373374403042010-09-15T13:45:31.797+05:302010-09-15T13:45:31.797+05:30विश्व जी सबसे पहले इस श्रंखला के १०० एपिसोड पूरे ह...विश्व जी सबसे पहले इस श्रंखला के १०० एपिसोड पूरे होने पे आपको और इस महफ़िल के सभी सदस्यों मो बधाई ! वाकई मैं विश्वजी का ये प्रयास तहे दिल से सराहनीय है ,,,और ये उम्दा अश्हारों से सजी जगजीत की आवाज़ में पिरोई हुई नज़्म इस १०० वें एपिसोड की दमदार दावेदार है ! वाकई ख़त जलना मुहब्बत करने वालों के लिए बहुत ही मुश्किल है ! गायब शब्द तो गायब रहा नहीं और इसके गायब न होने की सूचना देने वाला ही इस महफ़िल की avenindrahttp://www.blogger.com/profile/02305378164295161479noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-41959858471842119202010-09-15T13:51:56.979+05:302010-09-15T13:51:56.979+05:30बहुत खूब...तो अब गायब वाला शब्द पता लग ही गया '...बहुत खूब...तो अब गायब वाला शब्द पता लग ही गया '' अनमोल '' ...और जिस पर एक ताजा तरीन शेर पेश है :<br><br>आँसू आँखों में छिपे होते हैं गम दिखाये नहीं जाते<br>बड़े अनमोल होते हैं वो लोग जो भुलाये नहीं जाते.<br><br><br>( स्वरचित )shannohttp://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-9920286473154278942010-09-15T13:59:57.483+05:302010-09-15T13:59:57.483+05:30गायब शब्द है अनमोल मेरे दो अनमोल रतन एक है राम और ...गायब शब्द है अनमोल<br> <br>मेरे दो अनमोल रतन <br>एक है राम और एक लखन <br><br>आइल्ल्लाआअ<br>ये तो शेर नहीं है<br> <br> ग़ज़लकी महफ़िल का अनमोल तोहफा तुमने दिया <br>बधाई हो सौवां अंक जो तुमने पूरा किया <br>बहुत कुछ तुम्हे भी तो मिला ये दोस्त <br>बारहा इस महफ़िल से उनको कुछ मिला न मिला<br>अब क्यों कोई करे तुमसे कोई शिकवा न गिला <br>neelamhttp://www.blogger.com/profile/00016871539001780302noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-71417428494882854512010-09-15T14:42:06.165+05:302010-09-15T14:42:06.165+05:30लीजिये, आज आपकी महफिल की शान में बिना तकल्लुफ के क...लीजिये, आज आपकी महफिल की शान में बिना तकल्लुफ के कुछ और भी पेश करती हूँ... <br><br>सलाम कुबूल हो आपकी महफ़िल का हो भला<br>हैं अनमोल लम्हे जश्न के ना आये कोई बला. <br><br>( स्वरचित )<br> <br>बड़ी अनमोल है ये जिन्दगी न कर कोई गिला<br>ओ इंसा, हँस के जी ले जब तक है सिलसिला. <br><br>( स्वरचित )shannohttp://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-24777138131647220782010-09-15T15:08:46.883+05:302010-09-15T15:08:46.883+05:30VD bhai, 100th episode ki haardik badhaai! filmi g...VD bhai, 100th episode ki haardik badhaai! filmi geeton ke baare mein jaankaari aasaani se mil jaati hai, lekin non-film genre ke kisi shrinkhla ko itni lambi kheenchna waaqai mehnat ka kaam hai.<br><br>Regards,<br>SujoySujoy Chatterjeenoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-84427446222398053702010-09-15T15:15:57.220+05:302010-09-15T15:15:57.220+05:30तनहा जी, सजीव जी,महफ़िल ए गज़ल के शतांक पर आपको तह...तनहा जी, सजीव जी,<br>महफ़िल ए गज़ल के शतांक पर आपको तहे दिल से बधाई.<br>सफर बहुत लंबा रहा है, और यात्रा ज्ञानवर्धक रही है साथ ही साथ मनोरंजक भी, आप चाहें तो कुछ दिन के लिए विश्राम ले सकते हैं पर हम यही चाहेंगे कि ग़ज़लों और नज्मों का सिलसिला चलता रहे. <br>आज की नज़्म हमारे दिल के बहुत करीब रही है, इसे पूरी पढवाने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद.१००वी कड़ी का जश्न मनाने के लिए बेहतरीन नज़्म चुनी हैpoojahttp://www.blogger.com/profile/11762759805938201226noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-81358071152076643742010-09-15T16:27:33.805+05:302010-09-15T16:27:33.805+05:30अनमोल शतक की दे रही बधाई ,'विश्व 'ने खुशिय...अनमोल शतक की दे रही बधाई ,<br><br>'विश्व 'ने खुशियों की शहनाई बजाई .<br>स्वरचित <br>जवाब - अनमोलManju Guptahttp://www.blogger.com/profile/10464006263216607501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-80575036851614419852010-09-15T16:36:25.646+05:302010-09-15T16:36:25.646+05:30बेशक हो मुश्किल भरी वोह डगर,मगर था 'अनमोल'...बेशक हो मुश्किल भरी वोह डगर,<br>मगर था 'अनमोल' ग़ज़ल का सफर,<br>समझना ना खुद को 'तनहा' अब कभी,<br>हमसफ़र हजारों हैं चारों तरफ. <br>अवध लालAVADHhttp://www.blogger.com/profile/10249724769054535628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-37598623917043496572010-09-15T22:08:27.574+05:302010-09-15T22:08:27.574+05:30आपका बहुत-बहुत धन्यवाद स्वागत के लिए :)शतक लगाने प...आपका बहुत-बहुत धन्यवाद स्वागत के लिए :)<br>शतक लगाने पर बहुत बहुत बधाई और हाँ ज़ोरदार तालियाँ मेरी तरफ से भी!!<br><br>शब्द तो "अनमोल" है जैसे यह गज़ल और आपका ब्लॉग :)<br><br>मैं तो चाहता हूँ कि आप जल्द ही दोहरा शतक लगाएं और इस ब्लॉग को विराम बिलकुल ना दें..<br>एक गुज़ारिश ही है..प्रतीक माहेश्वरीhttp://www.blogger.com/profile/04115463364309124608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-548308727207961492010-09-16T13:16:45.911+05:302010-09-16T13:16:45.911+05:30एक और शेर इस महफिल के नाम...सौ बार आज आकर सौ बार च...एक और शेर इस महफिल के नाम...<br><br>सौ बार आज आकर सौ बार चला जाता है <br>महफिल का भी कुछ अंदाज़ बदल जाता है <br>चार दिन की है चाँदनी फिर वही है तीरगी<br>फिर अनमोल यादों का दिया जल जाता है.<br><br>( स्वरचित )shannohttp://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-53970386314436481972010-09-21T13:12:15.641+05:302010-09-21T13:12:15.641+05:30गुस्ताखी माफ़ इतनी सुंदर नज़्म मैं कुछ तुकबंदी से ज...गुस्ताखी माफ़ इतनी सुंदर नज़्म मैं कुछ तुकबंदी से जोड़ने के लिए अनमोल शब्द के साथ <br>इनाम-ऐ-मुहब्बत में मिला ख़त अनमोल ही था <br>तहरीर-ऐ-ख़त का हर लफ्ज़ अनमोल ही था <br>खतों को पढ़ते जो गुजरा वक़्त अनमोल ही था <br>हर वो लम्हा था जो अनमोल गँवा आया हूँ <br>तेरे ख़त आज मैं गंगा में बहा आया हूँ (स्वरचित)avenindrahttp://www.blogger.com/profile/02305378164295161479noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-15716708049102370792010-09-21T14:31:07.565+05:302010-09-21T14:31:07.565+05:30१०० वी कडी के लिए तन्हा जी को बहुत बहुत बधाई, दुआ ...१०० वी कडी के लिए तन्हा जी को बहुत बहुत बधाई, दुआ करते है ये महफिल ऐसे ही चलती रहे।<br><br>गायब शब्द है अनमोल <br>शे'र- जब तक बिके ना थे कोई पूछता ना था,<br> तूने मुझे खरीद कर अनमोल कर दिया।sumithttp://www.blogger.com/profile/15870115832539405073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-63283485936521439332010-09-21T14:33:52.727+05:302010-09-21T14:33:52.727+05:30शायर का नाम याद नहीशायर का नाम याद नहीsumithttp://www.blogger.com/profile/15870115832539405073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-28061510769045304472010-09-21T14:48:23.320+05:302010-09-21T14:48:23.320+05:30तन्हा जी गज़ल बहुत ही अच्छी लगीतन्हा जी महफिल मे यद...तन्हा जी <br>गज़ल बहुत ही अच्छी लगी<br><br>तन्हा जी महफिल मे यदि आप चाहे तो कुछ दिन का विराम के सकते है पर कोशिश जल्दी आने की करना, महफिल के बिना मन नही लगताsumithttp://www.blogger.com/profile/15870115832539405073noreply@blogger.com