tag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post3556762758305879707..comments2024-03-28T11:13:07.608+05:30Comments on रेडियो प्लेबैक इंडिया: पुराने नायाब गीतों की सफलता में उन अदाकारों का अभिनय भी एक अहम घटक रहा जिन्होंने इन गीतों को परदे पर जीयाSajeevhttp://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-2609134172707418520.post-73626147746463524432010-05-22T21:55:16.531+05:302010-05-22T21:55:16.531+05:30ट सचमुच बहुत ही प्यारा है और आज भी मुझे बेहद पसंद ...ट सचमुच बहुत ही प्यारा है और आज भी मुझे बेहद पसंद है.इस फिल्म के दुसरे गाने भी बहुत मधुर थे/हैं जिनका कोई मुकाबला नही.अद्वितीय .<br>'तेरे ख्यालों में तेरे ही ख़्वाबों में दिन जाये रैन ना जाये रे जाने ना तू सांवरिया'<br>'ये किसने गीत छेड़ा जग सारा गया महक महक'<br>'तेरे बिन सूने नैन हमारे '<br>और आज़म खानजी ने 'पूछो ना कैसे मैंने रैन बिताई' को मधुर गया है क्योंकि ये एक indu purihttp://www.blogger.com/profile/03517929821866304468noreply@blogger.com