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ऑडियो: अनुराग शर्मा की लघुकथा - तर्पण

'बोलती कहानियाँ' स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको नई-पुरानी, प्रसिद्ध-अल्पज्ञात, मौलिक-अनूदित, हर प्रकार की हिंदी कहानियाँ सुनवाते रहे हैं। पिछले सप्ताह आपने शीतल माहेश्वरी के स्वर में ऋता शेखर 'मधु' की लघुकथा "ऊधम" का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं अनुराग शर्मा की लघुकथा "तर्पण", उन्हीं के स्वर में।

इस लघुकथा का टेक्स्ट अनुराग शर्मा के ब्लॉग बर्ग वार्ता पर उपलब्ध है। इस कथा का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 0 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।

यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें।


फल ज़हरीले दिख पाते तो
बीज कनक के यूँ बोते न,
यदि सार्थक कर पाते दिन तो
रातों को उठकर रोते न।
 ~ अनुराग शर्मा

हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी

"अच्छा! यहाँ मज़दूरी करते हो? कितने पैसे मिल जाते हैं रोज़ के?”
 (अनुराग शर्मा की लघुकथा "तर्पण" से एक अंश)



नीचे के प्लेयर से सुनें.


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यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंक से डाऊनलोड कर लें:
तर्पण MP3

#22nd Story, Tarpan (Laghukatha): Anurag Sharma/Hindi Audio Book/2018/22. Voice: Anurag Sharma

Comments

Sheetal said…
Waah!! Aisi soch ko salaam
क्या बात है . तर्पण की महत्ता को कई गुना बढाती लघुकथा . बधाई व शुभकामनाएँ .

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