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जाने वो कैसे लोग थे जिनके प्यार को प्यार मिला....पूरी तरह पियानो पर रचा बुना एक अमर गीत

ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 594/2010/294

'पियानो साज़ पर फ़िल्मी परवाज़', इन दिनों 'ओल्ड इज़ गोल्ड' पर जारी है यह शृंखला, जिसमें हम आपको पियानो के बारे में जानकारी भी दे रहे हैं, और साथ ही साथ फ़िल्मों से चुने हुए कुछ ऐसे गानें भी सुनवा रहे हैं जिनमें मुख्य साज़ के तौर पर पियानो का इस्तमाल हुआ है। पिछली तीन कड़ियों में हमने पियानो के इतिहास और उसके विकास से संबम्धित कई बातें जानी, आइए आगे पियानो की कहानी को आगे बढ़ाया जाए। साल १८२० के आते आते पियानो पर शोध कार्य का केन्द्र पैरिस बन गया जहाँ पर प्लेयेल कंपनी उस किस्म के पियानो निर्मित करने लगी जिनका इस्तमाल फ़्रेडरिक चौपिन करते थे; और ईरार्ड कंपनी ने बनाये वो पियानो जो इस्तमाल करते थे फ़्रांज़ लिस्ज़्ट। १८२१ में सेबास्टियन ईरार्ड ने आविष्कार किया 'डबल एस्केपमेण्ट ऐक्शन' पद्धति का, जिसमें एक रिपिटेशन लीवर, जिसे बैलेन्सर भी कहा जाता है, का इस्तमाल हुआ जो किसी नोट को तब भी रिपीट कर सकता था जब कि वह 'की' अपने सर्वोच्च स्थान तक अभी वापस पहुंचा नहीं था। इससे फ़ायदा यह हुआ कि किसी नोट को बार बार और तुरंत रिपीट करना संभव हो गया, और इस साज़ के इजाद का श्रेय लिस्ज़्ट को दिया गया। जब यह आविष्कार बाहर निकला, हेनरी हर्ट्ज़ ने इसे रिवाइज़ किया, और यह 'डबल एस्केपमेण्ट ऐक्शन' सभी ग्रैण्ड पियानो का हिस्सा बन गया और अब तक यह पद्धति चली आ रही है।

कल की कड़ी में हमने ५० के दशक शुरुआती साल का एक गीत सुना था, आइए आज इसी दशक में थोड़ा और आगे बढ़ें और सुनें साल '५७ में निर्मित गुरु दत्त की यादगार फ़िल्म 'प्यासा' से हेमन्त कुमार का गाया "जाने वो कैसे लोग थे जिनके प्यार को प्यार मिला, हमने तो जब कलियाँ माँगी काँटों का हार मिला"। साहिर लुधियानवी के बोल और सचिन देव बर्मन का सगीत। और सब से जो ख़ास बात इस गीत की, वह यह कि पूरे गीत को पियानो पर खड़ा किया गया है। अब तक हमनें जितने भी गानें पियानो के बजाये, उन सभी में अभिनेता या अभिनेत्री को किसी पार्टी में पियानो बजाते हुए और गीत गाते हुए देखा गया। लेकिन प्रस्तुत गीत की ख़ासीयत यह है कि गुरु दत्त साहब भले ही एक पार्टी में इस गीत को गा रहे हैं, लेकिन कोई पियानो बजाता हुआ नज़र नहीं आता। दर्द भरे गीतों की बात करें तो यह गीत बेहद उल्लेखनीय हो जाता है। साहिर साहब के शब्द जैसे नुकीले तलवार की तरह दिल पर चोट करते हैं, और क्यों ना करे, वो अपने निजी जीवन में भी तो व्यर्थ प्रेम के दर्द से गुज़रे थे। और ना ही पिता का प्यार उन्हें मिल सका था। हेमन्त दा की गम्भीर वज़नदार आवाज़ ने गीत को ऐसा पुर-असर बनाया कि आज ६ दशक बाद भी इस गीत को सुन कर दिल कांप उठता है। गीत को सुनकर एक पल में आभास होता है कि इसका संगीत भी हेमन्त दा का है, लेकिन दूसरे ही क्षण याद आता है कि 'प्यासा' का संगीत तो दादा बर्मन ने रचा था। तो आइए इस अनमोल नग़मे को सुना जाये, फ़िल्म के पर्दे पर गुरु दत्त गा रहे हैं माला सिंहा और रहमान द्वारा आयोजित एक पार्टी में।



क्या आप जानते हैं...
कि अमरीका में पहला पियानो सन् १७७५ में जोहान बेहरेण्ट ने बनाया था 'पियानो फ़ोर्त' के नाम से।

दोस्तों अब पहेली है आपके संगीत ज्ञान की कड़ी परीक्षा, आपने करना ये है कि नीचे दी गयी धुन को सुनना है और अंदाज़ा लगाना है उस अगले गीत का. गीत पहचान लेंगें तो आपके लिए नीचे दिए सवाल भी कुछ मुश्किल नहीं रहेंगें. नियम वही हैं कि एक आई डी से आप केवल एक प्रश्न का ही जवाब दे पायेंगें. हर १० अंकों की शृंखला का एक विजेता होगा, और जो १००० वें एपिसोड तक सबसे अधिक श्रृंखलाओं में विजय हासिल करेगा वो ही अंतिम महा विजेता माना जायेगा. और हाँ इस बार इस महाविजेता का पुरस्कार नकद राशि में होगा ....कितने ?....इसे रहस्य रहने दीजिए अभी के लिए :)

पहेली 05/शृंखला 10
गीत का ये हिस्सा सुनें-


अतिरिक्त सूत्र - बेहद आसान.

सवाल १ - किस अभिनेत्री पर है ये गीत फिल्माया - 3 अंक
सवाल २ - गीतकार बताएं - १ अंक
सवाल ३ - संगीतकार कौन हैं - 2 अंक

पिछली पहेली का परिणाम -
अंजना जी बधाई....३ अंक आपके....अमित जी और शरद जी को भी बधाई

खोज व आलेख- सुजॉय चटर्जी
विशेष सहयोग: सुमित चक्रवर्ती


इन्टरनेट पर अब तक की सबसे लंबी और सबसे सफल ये शृंखला पार कर चुकी है ५०० एपिसोडों लंबा सफर. इस सफर के कुछ यादगार पड़ावों को जानिये इस फ्लेशबैक एपिसोड में. हम ओल्ड इस गोल्ड के इस अनुभव को प्रिंट और ऑडियो फॉर्मेट में बदलकर अधिक से अधिक श्रोताओं तक पहुंचाना चाहते हैं. इस अभियान में आप रचनात्मक और आर्थिक सहयोग देकर हमारी मदद कर सकते हैं. पुराने, सुमधुर, गोल्ड गीतों के वो साथी जो इस मुहीम में हमारा साथ देना चाहें हमें oig@hindyugm.com पर संपर्क कर सकते हैं या कॉल करें 09871123997 (सजीव सारथी) या 09878034427 (सुजॉय चटर्जी) को

Comments

Anjaana said…
Actress : ShashiKala
विजय said…
संगीतकार-हेमंत कुमार
Anonymous said…
Lyrics: Kaifi Azamai
Anjaana said…
Oops.. Aaaj jaldi jaldi ke chakkar me.. itna galat jaawab de diya.. AAj ka score to Zero ho gaya
हिन्दुस्तानी said…
It seems there is issue with Blogger. I put my name as 'Hindustani' but it shows Anonymous for answer Lyrics
aaj to anjaana ji chook gaye. Actress Surekha hi hai
इस अभिनेत्री का नाम 'निवेदिता' है जो बहुत कम फिल्म्स में आई थी.तीखे नैन नक्श वाली इस अभिनेत्री ने धरती कहे पुकार के फिल्म में संजीव कुमार की पढ़ी लिखी पत्नी का रोल अदा किया था.
गीतकार,संगीतकार की बात करके मैं अपने मुश्किल से मिले स्कोर नही खोना चाहती किन्तु....हर प्यार करने वाला 'अपनों' के लिए यही कहना चाहेगा जो जगजीत कौर जी ने अपनी खूबसूरत आवाज में गा कर कहा है-'तुम अपना रंजो गम अपनी परेशानी मुझे दे दो.....मैं देखूं तो सही दुनिया तुम्हे कैसे सताती है.....'
एक एक शब्द एक प्यार भरे दिल की बात कहते हैं.
मैं ना सिर्फ कहती,,दिल से हमेशा चाहा भी हूँ कि सबके दुखों को अपने में समेट लूं.
क्या करूं?
ऐसिच हूँ मैं तो

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