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सुनो कहानी: एक अशुद्ध बेवकूफ - हरिशंकर परसाई

'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने पंडित माधवराव सप्रे लिखित व्यंग्य रचना "एक टोकरी भर मिट्टी" का पॉडकास्ट अनुराग शर्मा की आवाज़ में सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं हरिशंकर परसाई लिखित व्यंग्य "एक अशुद्ध बेवकूफ", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने।
"एक अशुद्ध बेवकूफ" का कुल प्रसारण समय मात्र 7 मिनट 57 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।

यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें।



मेरी जन्म-तारीख 22 अगस्त 1924 छपती है। यह भूल है। तारीख ठीक है। सन् गलत है। सही सन् 1922 है। ।
~ हरिशंकर परसाई (1922-1995)

हर शनिवार को आवाज़ पर सुनें एक नयी कहानी

वे बोले, "मैं आपसे कुछ लेने आया हूं।" मैंने समझा ये शायद ज्ञान लेने आये हैं।
(हरिशंकर परसाई के व्यंग्य "एक अशुद्ध बेवकूफ" से एक अंश)


नीचे के प्लेयर से सुनें.
(प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।)
यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंक से डाऊनलोड कर लें:
एक अशुद्ध बेवकूफ MP3
#Fifty Fifth Story, Ek Ashuddh Bevaqoof: Harishankar Parsai/Hindi Audio Book/2010/3. Voice: Anurag Sharma

Comments

ऑडियो फाइल में कुछ गडबड है अनुराग जी
ओके अभी सही है....सुन लिया....:)

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