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सुनो कहानी: मुंशी प्रेमचन्द की "नमक का दरोगा"

'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने हरिशंकर परसाई लिखित व्यंग्य "खेती" का पॉडकास्ट अनुराग शर्मा की आवाज़ में सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं मुंशी प्रेमचंद की कहानी "नमक का दरोगा", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने।
कहानी का कुल प्रसारण समय मात्र 21 मिनट 31 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।

यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें।




मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ...मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं
~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६)

हर शनिवार को आवाज़ पर सुनिए प्रेमचंद की एक नयी कहानी

वेतन मनुष्य देता है, इसी से उसमें वृध्दि नहीं होती। ऊपरी आमदनी ईश्वर देता है, इसी से उसकी बरकत होती हैं।
(प्रेमचंद की "नमक का दारोगा" से एक अंश)


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यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंक से डाऊनलोड कर लें:
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#Fiftieth Story, Namak Ka Daroga: Munshi Premchand/Hindi Audio Book/2009/44. Voice: Anurag Sharma

Comments

indu puri said…
namak ka daroga 'sunkar bahut achchha lagaa ,kya main ise save kar sakti hun?
dekhti hun school ke course ki kai kahaniyan audio book ke roop men free me available hai ,ek achchha collection taiyar ho jayega mere paas
aap mhari kitni mdd kr rhe hain aap nhi jante
sadhuwad
इंदु जी,
आवाज़ पर "सुनो कहानी" में प्रकाशित सभी ऑडियो कहानियां आप सेव कर सकती हैं. आपके स्कूल के प्रोजेक्ट के लिए शुभकामनाएं!
हर कहानी में नीचे ऑडियो फ़ाइल सेव करने के लिए एक लिंक है [अगली पंक्ति जैसे],
यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंक से डाऊनलोड कर लें:
VBR MP3
उसे राईट क्लिक करें और "सेव एज" पर क्लिक कर के अपने कम्पूटर पर सेव कर लें.
~अनुराग.

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